दिवाली बिल्कुल करीब है। इसे सोने की खरीदारी के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। यह कहा जाता है कि धनतेरस पर सोने की खरीदारी धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को सीधे तौर पर अपने घर पर आमंत्रित किए जाने के बराबर है।
नई दिल्ली, दिवाली बिल्कुल करीब है। इसे सोने की खरीदारी के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। यह कहा जाता है कि धनतेरस पर सोने की खरीदारी धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को सीधे तौर पर अपने घर पर आमंत्रित किए जाने के बराबर है। इसके अलावा सोने को निवेश का सुरक्षित साधन (सेफ हेवेन) समझा जाता है क्योंकि यह संकट के समय विश्वसनीय निवेश विकल्प साबित होता है। इसके साथ ही साल-दर-साल इसकी वैल्यू भी बनी रहती है। इसका इस्तेमाल आम तौर पर मुद्रास्फीति और मुद्रा के मूल्य में नुकसान से बचाव के लिए किया जाता है।
सोने की स्वीकार्यता दुनियाभर में है, इस वजह से यह महंगाई दर से ज्यादा रिटर्न देने में सक्षम है। अगर हम पिछले 30 साल पर गौर करें तो यह कहा जा सकता है कि सोने ने 10 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है। चूंकि, भविष्य के बारे में कुछ भी पता नहीं है, ऐसे में प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए इंश्योंरेंस हमेशा से अच्छी डील रही है और सोना अतीत में भी सुरक्षा और समृद्धि में सहायक साबित होता रहा है और इसके आने वाले समय में भी जारी रहने की संभावना है।
सोना निवेश के सबसे उपयुक्त विकल्पों में से एक है। ऐसे में सोने की खरीद केवल फिजिकल गोल्ड की खरीद तक सीमित नहीं है। टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ सोने को ऑनलाइन खरीदा और स्टोर किया जा सकता है। निवेशक अपने इंवेस्टमेंट के लक्ष्य, समय और जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से उपलब्ध विकल्पों में से अपने लिए उपयुक्त ऑप्शन्स को चुन सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs), गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETFs), गोल्ड म्यूचुअल फंड्स, गोल्ड डिराइएटिव्स कॉन्ट्रैक्टस, डिजिटल गोल्ड एंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (EGRs) इन विकल्पों में शामिल हैं।
फिजिकल गोल्ड खरीदे बिना आप इस फेस्टिव सीजन में इन अलग-अलग इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश कर सकते हैं:
1.सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स
2.गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETFs)
3.गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
4.गोल्ड डिराइएटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स
5.डिजिटल गोल्ड
6.इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (EGRs)
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स
गोल्ड ईटीएफ एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है, जो बहुत हद तक घरेलू बाजार में सोने के दाम पर निर्भर करता है। गोल्ड ईटीएफ का एक यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होता है और यह काफी अच्छी गुणवत्ता के फिजिकल गोल्ड को बैक करता है। ईटीएफ नए निवेशकों में काफी अधिक लोकप्रिय है। इसकी वजह यह है कि इसमें निवेश करना काफी आसान है । इसके लिए एक डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है और इसे इक्विटी शेयरों की तरह एक्सचेंज से खरीदा और रिडीम किया जा सकता है। ये लिक्विडिटी के लिहाज से काफी अच्छा ऑप्शन है। गोल्ड ईटीएफ में स्टॉक इंवेस्टमेंट की तरह की फ्लेक्सिबिलिटी है और गोल्ड निवेश की तरह की सरलता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स सोना खरीदने का अन्य विकल्प है। यह ऐसे लोगों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है, जो केवल निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं। सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जारी करता है। आप इस तरह से एक ग्राम सोना की खरीदी भी कर सकते हैं और इसे अपनी सुविधा की हिसाब से पेपर या डिमैट प्रारूप में होल्ड कर सकते हैं। हालांकि, कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4 किलोग्राम तक निवेश कर सकता है। इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है। आप 5वें साल के बाद एक्जिट ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी यूएसपी यह है कि आपको शुरुआती निवेश पर 2.5 फीसद का सालाना ब्याज मिलता है। ब्याज का भुगतान अर्द्ध-वार्षिक आधार पर किया जाता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है। हालांकि, मैच्योरिटी के समय कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स मुक्त होता है। रिटर्न सीधे तौर पर सोने के बाजार मूल्य से जुड़े होते हैं।
वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) की सातवीं किस्त को 25 अक्टूबर, 2021 से 29 अक्टूबर, 2021 (कुल पांच दिन तक) सब्सक्राइब किया जा सकता है। आप इस किस्त में 4,765 रुपये प्रति ग्राम की दर से सोने की खरीदारी कर सकते हैं। इन बॉन्ड्स में निवेश किसी भी अन्य वस्तु की ऑनलाइन खरीदारी की तरह आसान है। आप इसके लिए सेबी द्वारा अधिकृत एजेंट या रेलिगेयर ब्रोकिंग जैसे ब्रोकर को अप्रोच कर सकते हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स ओपन-एंडेड फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स ओपन-एंडेड फंड्स हैं। इस इंस्ट्रुमेंट में सीधे फिजिकल गोल्ड में निवेश किया जाता है लेकिन इसका निवेश गोल्ड एक्सचेंड ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की इकाइयों में किया जाता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेशक सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश कर सकता है। इस फंड में एसआईपी के रूप में न्यूनतम 1,000 रुपये प्रति माह का निवेश किया जा सकता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड्स के कई अन्य फायदे भी होते हैं- डिमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है, कम आय वाले लोग भी इसमें निवेश कर सकते हैं, मासिक एसआईपी के जरिए आप रुपये की लागत को औसत कर सकते हैं।
इस तरह कहा जा सकता है कि पहले से निवेश के बढ़िया पारंपरिक विकल्प सोने में इंवेस्ट करने के कई नए ऑप्शन उपलब्ध हैं। ऐसे में यह दिवाली इस ‘सदाबहार एसेट’ में निवेश का सबसे उपयुक्त समय है।