ईद पर खरीदारी को उमड़ी भीड़, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन के निर्देश,

उत्तर प्रदेश में त्यौहार के दौरान भीड़भाड़ रोकने की मंशा से भी कोरोना कर्फ्यू को बढ़ाया गया है। हालांकि बुधवार को लोग बाजारों में ईद की खरीदारी के लिए उमड़ पड़े और कोविड प्रोटोकॉल को भूल गए।

 

लखनऊ,  ईद-उल-फितर 13 या 14 मई को मनेगी, अभी तय नहीं है, लेकिन इस बार ईद कोविड प्रोटोकॉल और सादगी के साथ मनाई जाएगी। मस्जिदों में नमाज और सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। मुस्लिम धर्मावलंबी न गले मिलेंगे और न हाथ मिलाना करेंगे। बस दूर से ईद की मुबारकबाद दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने ईद पर्व के दौरान कोरोना कर्फ्यू की गाइडलाइन का सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं। कोविड को देखते हुए पांचवीं बार कोरोना कर्फ्यू को विस्तार देते हुए 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है।

उत्तर प्रदेश में त्यौहार के दौरान भीड़भाड़ रोकने की मंशा से भी कोरोना कर्फ्यू को बढ़ाया गया है। हालांकि बुधवार को लोग बाजारों में ईद की खरीदारी के लिए उमड़ पड़े और कोविड प्रोटोकॉल को भूल गए। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए कर्फ्यू का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। कई इलाकों में कोरोना कर्फ्यू  का असर भी दिख रहा है, लेकिन कई स्थानों में लोग बेपरवाह हैं। इस तरह भीड़ में लोग निकलते रहे तो हालात बिगड़ने से कौन रोक पाएगा। कई जिलों से आई तस्वीरें चिंता बढ़ाने वाली हैं।

बुधवार या गुरुवार को चांद दिखने पर ईद का त्योहार मनाया जाएगा। चूंकि देश के साथ प्रदेश भी कोरोना के संकट से जूझ रहा है, लिहाजा इसका असर अब ईद पर पड़ता दिख रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर मौलाना राबे हसनी नदवी की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि गले व हाथ मिलाने की बजाय इस बार बोलकर ईद की मुबारकबाद दें। यदि कहीं जमात में नमाज हो रही है तो लाइन का गैप रखें और एक पंक्ति में नमाजी एक एक मीटर की दूरी पर खड़े हों।

दारुल उलूम का फतवा : इस्लामी तालीम के मरकज दारुल उलूम ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अहम फतवा जारी किया है। मुफ्ती हजरात ने मस्जिद या दूसरी जगह पर इमाम सहित तीन या पांच लोगों के साथ ईद-उल-फितर की नमाज अदा करने की अपील की है। यह भी कहा कि मजबूरी में ईद की नमाज माफ है। विकल्प के तौर पर घरों में ही नमाज-ए-चाश्त अदा की जा सकती है। नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने ईद की नमाज को लेकर दारुल उलूम के इफ्ता विभाग में मुफ्तियों की खंडपीठ से सवाल किया था कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर हुकूमत ने कड़ी पाबंदियां लगाई हुई हैं। मस्जिदों में पांच लोगों को ही नमाज पढ़ने की इजाजत है। पूछा कि ईद की नमाज अदा करने की शरीयत में क्या हिदायत दी गई है। सवाल के जवाब में मुफ्तियों ने कहा कि जिन नियम के साथ जुमा की नमाज अदा करना जायज है।

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