उन्नाव में उपद्रव के दौरान पुलिसकर्मियों की व्यावसायिक दक्षता को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए हैं। इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने इस मामले में उन्नाव के एसपी आनन्द कुलकर्णी से स्पष्टीकरण तलब किया है।
लखनऊ । उन्नाव में उपद्रव के दौरान पुलिसकर्मियों की व्यावसायिक दक्षता को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए हैं। जिस तरह पुलिसकर्मी टोकरी और स्टूल के सहारे अपना बचाव करते दिखे, उससे महकमे की खूब किरकिरी हो रही है। विपक्ष भी इसे लेकर हमलावर है। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के बाद भी पुलिसकर्मियों के कोई सबक न लेने पर सवाल भी उठ रहे हैं।
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने इस मामले में उन्नाव के एसपी आनन्द कुलकर्णी से स्पष्टीकरण तलब किया है। एसपी से पूछा गया है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। माना जा रहा है कि मामले में उन्नाव पुलिस के बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के बाद ही डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने दबिश व शांति-व्यवस्था ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों के सभी सुरक्षा उपकरणों से पूरी तरह लैस रहने के कड़े निर्देश दिए थे। सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को इसका हर दशा में अनुपालन कराने का भी कड़ा निर्देश दिया गया था। डीजीपी मुख्यालय स्तर से इसे लेकर कई बार निर्देश तो जारी किए गए, लेकिन जिला पुलिस पर उसका कोई असर नहीं पड़ा। उन्नाव की घटना इसकी ताजा नजीर है।
उन्नाव में मंगलवार को दुर्घटना में दो लोगों की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश था, लेकिन स्थानीय पुलिस अधिकारी स्थितियों को भांप ही नहीं सके। बुधवार को जब शव रखकर प्रदर्शन किए जाने के दौरान उपद्रव व पथराव हुआ, तब पुलिस की तैयारी की पोल खुल गई। डीजीपी ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है और वरिष्ठ अधिकारियों को भी सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने को कहा है।