एक अरब से अधिक की ठगी के मामले में हजरतगंज पुलिस ने रविवार को राजाजीपुरम से हेलो राइड कंपनी के मालिक अभय कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम था। वह रुपये दोगुना करने प्लाट दिलाने और बाइक टैक्सी के नाम पर ठगता था।
लखनऊ, एक अरब से अधिक की ठगी के मामले में लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने रविवार को राजाजीपुरम से हेलो राइड कंपनी के मालिक अभय कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। वह रुपये दोगुना करने, प्लाट दिलाने और बाइक टैक्सी के नाम पर मोटा मुनाफा देकर लोगों के रुपये कंपनी में लगवाता था। इसके बाद सारा रुपया हड़प लेता था।
पांच साल में करीब 10 हजार निवेशकों से ठगे एक अरब से अधिक रुपयेः डीसीपी सेंट्रल डा. ख्याति गर्ग ने बताया कि अभय के खिलाफ विभूतिखंड और हजरतगंज कोतवाली मेंं 36 मुकदमे दर्ज हैं। उसने 2013 में इनफिनिटी वर्ड इंफ्रावेंचर के नाम से कंपनी की शुरूआत की थी। इसमें रियल एस्टेट का काम करता था। इसके बाद 2017 में अभय ने साथी राजेश पांडेय, रागिनी गुप्ता, निखिल कुशवाहा, नीलम वर्मा समेत अन्य के साथ मिलकर ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर नाम से कंपनी बनाई। इस कंपनी में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर लोगों से निवेश कराता था। पांच साल में 10 हजार से अधिक निवेशकों से ठगी की है।
ढाई वर्ष से था फरारः वह ढाई साल से फरार चल रहा था। वहीं, रियल स्टेट कंपनी में भी यही लोग इसके पार्टनर थे। मार्च 2019 में विभूतिखंड पुलिस ने अभय को गिरफ्तार किया था। कुछ माह बाद वह जमानत पर रिहा हो गया था। इसके बाद छुपकर गिरोह का संचालन करता था। इसके पार्टनर आजम पर भी 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। उसे नवंबर माह में एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अभय फरार चल रहा था।
साइबर हाइट्स में खोला था आफिस, बाइक टैक्सी के नाम पर भी करता था ठगी
इंस्पेक्टर हजरतगंज श्यामबाबू शुक्ला ने बताया कि अभय ने हेलो राइड कंपनी का आफिस विभूतिखंड साइबर हाइट्स में खोल रखा था। वहां पर वह बाइक टैक्सी चलवाने के नाम पर भी निवेशकों से रुपये लगवा कर ठगी करता था। बाइक टैक्सी के नाम पर प्रति गाड़ी 61 हजार रुपये जमा कराता था। इसके बाद उन्हें करीब 10 हजार रुपये प्रति माह देने का लालच देता था। लोग मोटे मुनाफे के चक्कर में रुपये दे देते थे।
नोएडा, बिहार और पंजाब तक था गिरोह का नेटवर्क
अभय और उसके साथियों ने यूपी में लखनऊ, फतेहपुर और नोएडा में आफिस खोल रखा था। इसके अलावा इनके आफिस बिहार, पंजाब में भी थे। दूसरे राज्यों तक गिरोह का नेटवर्क था। यह लोग वहां भी निवेशकों से रुपये लगवाते थे।