एसोसिएटेड चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने कहा है कि उद्योगों की स्थिति पहले ही संकटग्रस्त है ऐसे में दरों में अधिक बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था की रफ्तार प्रभावित होगी। दरों में अधिक बढ़ोतरी हुई तो कई क्षेत्रों को बहुत नुकसान होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। उद्योग जगत के संगठन ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक से बेंचमार्क दरों में कम से कम बढ़ोतरी करने की अपील की। एसोचैम ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी को कम से कम रखा जाए ताकि आर्थिक सुधार की प्रक्रिया पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। आपको बता दें कि आरबीआई मई से प्रमुख नीतिगत दर में 190 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर चुका है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार से हो रही है। इसमें ब्याज दरों को बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा। उम्मीद है कि आरबीआई इस बार भी दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है।
7 दिसंबर को आरबीआई सुनाएगा फैसलाकेंद्रीय बैंक 7 दिसंबर (बुधवार) को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय की घोषणा करने वाला है। एसोचैम ने आरबीआई गवर्नर को लिखे एक पत्र में उद्योग के समक्ष उठ रही समस्याओं का हवाला दिया। उन्होंने मांग की कि मौद्रिक नीति समिति में अधिकतम 25-35 आधार अंक की बढ़ोतरी होनी चाहिए। 30 सितंबर को आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर (रेपो) में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी।
मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से आरबीआई द्वारा निर्धारित 6 प्रतिशत की ऊपरी सहनशीलता बैंड से ऊपर बनी हुई है। आपको बता दें कि सितंबर की बढ़ोतरी से पहले केंद्रीय बैंक ने जून और अगस्त में रेपो दर में 50 बीपीएस और मई में 40 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी।
ईवी के लिए की ये सिफारिश
एसोचैम ने आरबीआई को इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए रियायती लोन देने की वकालत की है। चैम्बर की मांग है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए खुदरा ऋण को रियायती ब्याज दर के साथ प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण के रूप में स्वीकार किया जाएग।