कंगाल पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पहली बार पहुंचे चीन, अब ड्रैगन से लगायेगा मदद की गुहार

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर चीन पहुंचे हैं।इससे पहले मुनीर ने सऊदी अरब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)और यूनाइटेड किंगडम का आधिकारिक दौरा किया था। यह दौरा द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।

 

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर चीन पहुंचे हैं। यह दौरा द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। पिछले साल नवंबर में पाकिस्तानी सेना की कमान संभालने के बाद से जनरल मुनीर की यह चौथी विदेश यात्रा है। इससे पहले मुनीर ने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)और यूनाइटेड किंगडम का आधिकारिक दौरा किया था। ब्रिटेन की अपनी यात्रा के बाद जनरल मुनीर ने फिर से संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था।

सैन्य संबंधों को बढ़ाने के लिए चीन का दौरापाकिस्तान सेना की मीडिया ब्रांच ने 24 अप्रैल को एक बयान में यात्रा की जानकारी दी और बताया कि सीओएएस द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को बढ़ाने के लिए चीन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। हालांकि, यात्रा के वित्तीय उद्देश्य के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। बता दें कि पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख के लिए अपनी नियुक्ति के कुछ हफ्तों के भीतर चीन की यात्रा करना आम बात है। इस बार हुई देरी के लिए पाकिस्तान के आंतरिक हालात को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

मदद की गुहार लगा रहा पाकिस्ताननकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बढ़ते दबाव के बीच यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। पाकिस्तान को कम से कम 6 बिलियन अमरीकी डॉलर की जरुरत है। अब तक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान को 3 बिलियन अमरीकी डालर की मदद देने का वादा किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता ने शेष राशि के लिए आश्वासन मांगा है। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के अलावा चीन एकमात्र देश है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तान को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है।

 

पाकिस्तान में आर्थिक संकटराजनीतिक अराजकता के कारण पाकिस्तान में आर्थिक संकट गहरा गया है। पंजाब में चुनाव कराने को लेकर एक ओर अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की गठबंधन सरकार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और दूसरी ओर सरकार और न्यायपालिका के बीच लड़ाई ने आर्थिक संकट को गहरा दिया है।

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