अमेरिका स्थित येल स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया कि इस मालेक्यूल (अणु) के जरिये कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले कोविड मरीजों के इलाज के लिए नई पद्धति का विकास किया जा सकता है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। शरीर की एंटीवायरल प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने वाले आरएनए मालेक्यूल डेल्टा समेत कोविड-19 के कई वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। राइबोन्यूक्लिक एसिड (एसिड) सिंगल स्ट्रैंडेड मालेक्यूल है, जो कई जैविक भूमिकाओं और जीन की अभिव्यक्ति के लिए अत्यावश्यक होता है।
अमेरिका स्थित येल स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया कि इस मालेक्यूल (अणु) के जरिये कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले कोविड मरीजों के इलाज के लिए नई पद्धति का विकास किया जा सकता है।
जर्नल आफ एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन (जेईएम) में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह कई विकासशील देशों के लिए महंगी चिकित्सा का विकल्प साबित हो सकता है, जहां वैक्सीन की उपलब्धता अब भी कम है। यह अध्ययन ओमिक्रोन के आने से पहले किया गया था, इसलिए यह साफ नहीं है कि आरएनए मालेक्यूल इस वैरिएंट पर कितना असरदार होगा। शोधकर्ताओं ने पाया कि सार्स सीओवी-2 के खिलाफ वैक्सीन काफी प्रभावी हैं और बीमारी की गंभीरता व मौत के खतरे को कम करती हैं। येल स्कूल आफ मेडिसिन के प्रोफेसर अकिको इवासाकी कहते हैं, ‘वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं। इसके बावजूद सार्स सीओवी-2 के खिलाफ प्रभावी चिकित्सा के विकास का प्रयास किया जाना चाहिए।’