न्यायाधीश क्रिस्टीन बाडुइन ने 11 फरवरी के एक फैसले में एयर इंडिया की इस अपील पर सहमति जताई कि अदालत को मारीशस स्थित तीन निवेशकों और जर्मनी की डायचे टेलीकाम के दावे पर फिर से विचार करना चाहिए कि एयरलाइन भारत सरकार की है। इसलिए उससे वसूली की जानी चाहिए।
नई दिल्ली, एजेंसी। एयर इंडिया ने कनाडा की एक अदालत के उस आदेश को चुनौती देने के लिए एक अपीलीय अदालत की मंजूरी हासिल की है, जिसमें देवास मल्टीमीडिया के विदेशी निवेशकों को उसके कोष को जब्त करने की इजाजत दी गई थी। वर्ष 2005 में एंट्रिक्स कारपोरेशन के साथ सेटेलाइट सौदा रद होने के चलते मुआवजा हासिल करने के लिए देवास को यह कोष जब्त करने की इजाजत दी गई थी।
न्यायाधीश क्रिस्टीन बाडुइन ने 11 फरवरी के एक फैसले में एयर इंडिया की इस अपील पर सहमति जताई कि अदालत को मारीशस स्थित तीन निवेशकों और जर्मनी की डायचे टेलीकाम के दावे पर फिर से विचार करना चाहिए कि एयरलाइन भारत सरकार की है और इसलिए उससे वसूली की जानी चाहिए। न्यायाधीश ने एक संक्षिप्त आदेश में कहा, ‘अपील के गुणदोष या सफलता की संभावना पर राय व्यक्त किए बिना, मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि इस मामले को अदालत में पेश करना चाहिए।’ उन्होंने मामले की सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख निर्धारित की है। एयर इंडिया ने देवास के विदेशी निवेशकों की मांग को यह कहते हुए खारिज करने की अपील की है कि 27 जनवरी, 2022 को टाटा समूह द्वारा इसके अधिग्रहण के बाद अब यह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी नहीं है।
वर्ष 2005 में इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स और देवास के बीच स्पेक्ट्रम उपयोग को लेकर करार हुआ था। यह सौदा 2011 में इस आधार पर रद कर दिया गया कि ब्राडबैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी में धोखाधड़ी में हुई थी और सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य सामाजिक उद्देश्यों के लिए एस-बैंड उपग्रह स्पेक्ट्रम की जरूरत थी। इसके बाद देवास मल्टीमीडिया ने इंटरनेशनल चैंबर्स आफ कामर्स (आइसीसी) में फैसले के खिलाफ मध्यस्थता कार्रवाई शुरू की। इसके अलावा देवास के निवेशकों द्वारा दो अन्य मध्यस्थता कार्रवाई भी शुरू की गईं।
भारत को तीनों मामलों में हार का सामना करना पड़ा और नुकसान की भरपाई के लिए कुल 1.29 अरब डालर का भुगतान करने को कहा गया। कनाडा की एक अदालत ने देवास मल्टीमीडिया के शेयरधारकों को एयर इंडिया के 50 प्रतिशत कोष को जब्त रखने की अनुमति दी है, जिसे वैश्विक एयरलाइंस निकाय आइएटीए के पास रखा गया था। इसके एक फ्रांसीसी अदालत ने देवास को पेरिस में भारतीय संपत्तियों को जब्त करने की इजाजत भी दी है।