समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से युवा कार्यकर्ता भी बेहद दुखी हैं। महाराजगंज से दस साल के बच्चे का सैफई के लिए घर से निकलने की घटना के बाद अब एक युवा सपा कार्यकर्ता ने आजीवन सिर मुंडवाए रखने का संकल्प लिया है।
कानपुर, दिवंगत समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के चाहने वालों में युवा और बच्चे भी शामिल हैं और अपने नेताजी के निधन से बेहद दुखी हैं। उकने निधन की खबर सुनकर दस साल का मासूम महाराजगंज से सैफई के लिए अकेले ही निकल पड़ता है तो कानपुर में युवा आहत होकर पांडु नदी में कूद जाता है। वहीं कानपुर देहात में नेताजी की अंत्येष्टि का वीडियो देखकर निधन की जानकारी होते ही बुजुर्ग सपा कार्यकर्ता दम तोड़ देते हैं। इन सबके बीच एक और युवा समर्थक ने सिर मुंडवाकर आजीवन बाल न रखने का संकल्प लिया है।
सपा कार्यकर्ता ने सिर पर बाल न रखने का लिया संकल्प
कानपुर नगर के बिल्हौर के कमसान गांव निवासी सपा कार्यकर्ता ऋषभ रविशंकर दुबे ने पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए अपने जीवन काल में सिर पर बाल न रखने का संकल्प लिया है और इंटरनेट मीडिया में भी प्रसारित किया है। अविवाहित ऋषभ दुबे ने बताया कि वह वर्ष 2014 से समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं और सक्रिय सदस्य हैं।
उन्होंने नेताजी के निधन पर दुख जाहिर करते हुए सिर के बाल मुंडवाकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। नेताजी को श्रद्धांजलि के तौर पर आजीवन सिर पर बाल न रखने का संकल्प लिया है। वह पार्टी के लिए समर्पित रहकर नेताजी के बताए रास्ते पर चलने का प्रयास करेंगे।
मर्दनपुर गांव में वह पत्नी रामरति, बेटी ममता, ललिता, सरिता और आरुषि के साथ रहता था। पुलिस कर्मियों ने पांडु नदी में उसकी तलाश की थी लेकिन जलधारा तेज होने की वजह से उसका पता नहीं चला था। कुछ लोगों ने नशे में उसके नदी में गिरने की बात कही थी।
अंत्येष्टि का वीडियो देख सपा नेता ने तोड़ दिया था दम
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अंत्येष्टि का वीडियो देखते हुए कानपुर देहात के रसूलाबाद में सपा नेता वाजिद अली शाह की अचानक मौत हो गई थी। घर वालों ने दो दिनों तक उनसे नेताजी के निधन की बात छिपाई थी लेकिन बुधवार को अचानक मोबाइल पर अंत्येष्टि का वीडियो देखकर हालत खराब हो गई थी। स्थानीय सपा नेताओं के मुताबिक 66 वर्षीय वाजिद अली शाह ने सारा जीवन पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में गुजारा।
मधुमेह और किडनी रोग से ग्रस्त थे और एक माह तक कानपुर में उपचार के बाद घर आए थे। बेटे नसीम अहमद ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर उन्हें नहीं दी थी ताकि उनके स्वास्थ्य पर कोई असर न पड़े। बेटे ने बताया कि मुलायम सिंह को सुनने के लिए वह हर रैली और सभा में जाते थे।
सैफई के लिए 400 किमी के सफर पर निकल पड़ा था मासूम
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से न सिर्फ बड़े और युवा दुखी हुए बल्कि बच्चों पर भी असर रहा। नेताजी के निधन की खबर सुनकर 12 अक्टूबर को महाराजगंज जनपद के नौतनवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मलहनी फुलवरिया निवासी 10 वर्षीय बालक नवरतन यादव घर से अकेले सैफई जाने के लिए 400 किमी के सफर पर निकल पड़ा था। कानपुर रेलवे स्टेशन पर जीआरी ने उसे अकेला पकड़ा और पूछताछ की थी तो हकीकत सामने आई थी।
इसके बाद जीआरपी ने उसे वापस महाराजगंज स्वजन के पास भेज दिया था। इस घटनाक्रम की जानकारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उसे महाराजगंज के पार्टी नेताओं के माध्यम से सैफई बुलवाकर बीते 15 अक्टूबर को मुलाकात की थी। अखिलेश यादव ने उससे पहले पढ़ने-लिखने और उसके बाद नेता बनने की बात कही थी। उन्होंने नवरतन की पढाई का खर्चा उठाने का वादा किया था।