कानपुर में पुलिस की भूमिका पर फिर उठे सवाल, छेड़खानी से परेशान किशोरी ने चौकी प्रभारी पर लगाए यह आरोप,

नौबस्ता मछरिया निवासी परिवार के मुखिया ने बताया कि इलाके के शोहदे उनकी 16 वर्षीय बेटी संग आए दिन छींटाकशी और अश्लील इशारे करके छेड़खानी करते हैं। अपने साथ प्रतिदिन होने वाली ऐसी हरकतों से परेशान होकर किशोरी ने भाई को इसकी जानकारी दी थी।

 

कानपुर, प्रदेश सरकार महिला अपराधों पर अंकुश लगाने को महिला हेल्प डेस्क, टोल फ्री नंबर, पिंक पुलिस जैसी तमाम योजनाएं चला रही है, लेकिन इसके बाद भी पुलिस का रुख महिला अपराधों के प्रति बदलने का नाम ही नहीं ले रहा है। शहर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद भी पुलिस के रवैये में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। इस बात की बानगी है नौबस्ता की आवास विकास हंसपुरम चौकी का सामने आया मामला। जिसमें किशोरी संग छेड़खानी और विरोध पर भाई संग मारपीट के मामले में पुलिस ने पीड़ित की छेड़खानी की तहरीर फाड़ दी। पुलिस ने पीड़ित परिवार से मारपीट की तहरीर लेकर एनसीआर दर्ज करके खानापूर्ति कर दी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि चौकी प्रभारी ने आरोपित पक्ष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया है। पीड़ित परिवार ने डीसीपी साउथ के दफ्तर में प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई है।

नौबस्ता मछरिया निवासी परिवार के मुखिया ने बताया कि इलाके के शोहदे उनकी 16 वर्षीय बेटी संग आए दिन छींटाकशी और अश्लील इशारे करके छेड़खानी करते हैं। अपने साथ प्रतिदिन होने वाली ऐसी हरकतों से परेशान होकर किशोरी ने भाई को इसकी जानकारी दी थी। भाई ने इसका विरोध किया तो 13 मई को शोहदों ने साथियों संग मिलकर बेटे को बुरी तरह से पीटा। आरोप है कि वह लोग छेड़खानी और मारपीट की तहरीर देकर आवास विकास हंसपुरम चौकी पहुंचे तो चौकी प्रभारी मंसूर अहमद ने उनकी तहरीर को फाड़ दिया और मारपीट की तहरीर लिखाकर आरोपितों के खिलाफ एनसीआर दर्ज कर ली।

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि विवाद के दिन पुलिस दो आरोपितों को पकड़कर चौकी लाई थी। बाद में दोनों को चौकी से छोड़ दिया गया। पीड़ित परिवार ने डीसीपी साउथ के कार्यालय में तहरीर देकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। डीसीपी साउथ रवीना त्यागी का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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