एक सेवानिवृत्त आइपीएस अफसर अपने घर के बगल में हो रहे अवैध निर्माण को नहीं रुकवा पाए। जगनायक सिंह (सेवानिवृत्त आइपीएस अफसर) का सेक्टर डी कानपुर रोड पर आवास है। सिंह के घर से सटा हुआ भूखंड संख्या एच 2/88 पर लविप्रा के अभियंता तीन मंजिला अवैध निर्माण करा दिया।
लखनऊ, एक सेवानिवृत्त आइपीएस अफसर अपने घर के बगल में हो रहे अवैध निर्माण को नहीं रुकवा पाए। जगनायक सिंह (सेवानिवृत्त आइपीएस अफसर) का सेक्टर डी कानपुर रोड पर आवास है। सिंह के घर से सटा हुआ भूखंड संख्या एच 2/88 पर लविप्रा के अवर अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता ने मिलकर तीन मंजिला अवैध निर्माण खड़ा कर दिया है। पहले बेसमेंट, फिर ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल और द्वितीय तल बनवा डाला।
इन पौने दो साल में पैसठ वर्षीय जगनायक सिंह लविप्रा के दर्जनों चक्कर लगाए, लेकिन अभियंताओं के कॉकस को तोड़ नहीं पाए। आज भूखंड स्वामी प्राची अग्रवाल व डा. विनीत अग्रवाल का परिसर बनकर तैयार है। सवाल खड़ा होता है कि तत्कालीन विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास ने तीन सौ वर्ग मीटर के भूखंड में से सौ वर्ग मीटर के भूखंड बिना स्वीकृत मानचित्र के बनने के कारण सील करा दिया था। इसके बाद भी बनता गया। सबसे खास बात है कि जिसका जगनायक सिंह ने लविप्रा के उपाध्यक्ष से लेकर अभियंताओं के समक्ष विरोध जताया और कहा कि जो अवैध निर्माण है, जिसका नक्शा नहीं पास है, उसका शमन कैसे किया जा सकता है? शमन यानी अनाधिकृत हिस्सा उस परिसर का गिराया जाता है जो मानचित्र के विपरीत बना हो, लेकिन इसका जवाब लविप्रा नहीं दे पा रहा है।
अब सेवानिवृत्त आइपीएस जगनायक सिंह ने पूरी स्थिति से मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव आवास, मंडलायुक्त और उपाध्यक्ष को अवगत कराते हुए न्याय के लिए गुहार लगाई है। जगनायक सिंह कहते हैं कि जो सही है, वह निर्माण पड़ोसी करे, उससे उनको परेशानी नहीं है, लेकिन गलत नहीं होने दूंगा। वहीं लविप्रा के क्षेत्रीय अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता ने मिलीभगत करके दस फरवरी 2020 से लेकर आज तक न सिर्फ पूरा निर्माण करवाया, बल्कि बिना मानचित्र बने परिसर की कंपाउडिंग कराकर शमनीय दिखा दिया। सिंह के मुताबिक लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने न्याय का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।