यूपी के सभी टोल प्लाजा पर एक बार फिर फास्ट टैग के जरिए लोगों का चूना लगाने वाला गिरोह सक्रिय है। टोल प्लाजा पर गाड़ी साफ करने की बात कहकर हाथ में स्प्रे व कपड़ा लेकर लड़के फास्ट टैग को स्कैन कर पैसे पार कर रहे हैं। ऐसे में आपको संभल कर रहने की जरूरत है। नहीं तो आप भी इसका शिकार हो सकते हैं।
लखनऊ, टोल प्लाजा व घर के बाहर खड़ी कार का शीशा साफ कर जालसाज साइबर ठगी कर रहे हैं। जालसाज जिन गाड़ियों में फास्ट टैग लगा है, उनका शीशा कपड़े से साफ करके कार के शीशे पर लगे फास्ट टैग से पैसे उड़ा दे रहे हैं। इसलिए लोगों को सावधान होने की जरूरत है।चौक के नौशाद ने बताया कि मैं अपनी कार से बलिया गया था। वहां से लौटकर घर पहुंचा तो मोबाइल पर एक मैसेज आया। देखा तो उसमें दो मैसेज पड़े थे। एक में टोल टैक्स तो दूसरे में 10 हजार रुपये कटने का था। नौशाद ने कहा कि सुल्तानपुर के पास टोल प्लाजा पर एक लड़का मुफ्त में गाड़ी साफ किया था। उसने फास्ट टैग को भी कई साफ किया था। उसी ने ठगी की है।
गोमतीनगर विस्तार निवासी रविंद्र कुमार रस्तोगी ने कहा कि अपनी कार से कानपुर जा रहा था। नवाबगंज टोल प्लाजा पर गाड़ी साफ करने की बात कहकर हाथ में स्प्रे व कपड़ा लेकर एक लड़का आया। उसने कहा आपकी गाड़ी का शीशा फ्री में साफ कर दूंगा। फिर वह साफ करने लगा। इस दौरान उसने कई बार फास्ट टैग को साफ कर रहा था। टोल प्लाजा से करीब पांच किमी आगे बढ़े थे कि मोबाइल पर सात हजार रुपये कटने का मैसेज आया।
साइबर क्राइम की दुनिया का कोई दायरा नहीं है। कुछ भी मुफ्त नहीं है, हर चीज की कीमत चुकानी होती है, बस यही है कि इसका अंदाजा अपना रकम गंवाने के बाद हो पा रहा है। फास्ट टैग से ठगी का तरीका नया है। फास्ट टैग को स्कैन कर जालसाज कैसे खाता खाली कर रहे हैं, इसकी जांच की जाएगी। मो. मुस्लिम खान, इंस्पेक्टर साइबर थाना
जालसाजी से ऐसे करें बचाव – 45 दिन में अपना पासवर्ड जरूर बदल दें। – इंटरनेट मीडिया साइटस के लिए दूसरा ई-मेल एड्रेस बनाकर रखें। – अगर, कोई एकाउंट आप इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उसे डिलीट कर दें। – आनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि आपने यूआरएल को मैनुअली टाइप किया हो। – अज्ञात ई-मेल को डाउनलोड ना करें। – कस्टमर केयर का नंबर कभी भी दस अंकों का नहीं होता है। – मुफ्त उपहार के चक्कर में कभी भी ना पड़े। यहां करें शिकायत हेल्पलाइन नंबर – 1930 वेबसाइट – cybercrime.gov.in
ठग स्मार्ट वाच पहने रहते हैं। कार का शीशा साफ करते समय वह स्मार्ट वाच से फास्ट टैग को स्कैन कर लेता है। स्कैन करते ही कार मालिक के फास्ट टैग खाते को खाली कर देते हैं। इस तरह के ज्यादातर मामले टोल प्लाजा, रोड के किनारे बने होटल व ढाबों के बाहर और भीड़ वाले इलाकों में होते है। मनीष गोयल, साइबर एक्सपर्ट