शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा में की गई कटौती, अब जेड की जगह मिलेगी वाई श्रेणी की सिक्योरिटी

शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा में कटौती की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी सुरक्षा को जेड से वाई कैटेगिरी की कर दिया है। शिवपाल सिंह यादव इटावा के जसवंतनगर से विधायक हैं।

 

लखनऊ, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा में कटौती की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी सुरक्षा को जेड से वाई कैटेगिरी की कर दिया है।

 

शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर इटावा के जसवंतनगर से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य यानी विधायक हैं। शिवपाल सिंह यादव इन दिनों मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव के प्रचार में लगे हैं। इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट भी मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में आती है। यहां का वोट प्रतिशत मैनपुरी लोकसभा सीट जीतने में अहम भूमिका अदा करता है।

 

मैनपुरी लोकसभा का उप चुनाव पांच दिसंबर को है। यह सीट समाजवादी पार्टी के संस्थापक और शिवपाल सिंह यादव के बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई है। समाजवादी पार्टी ने यहां से डिंपल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। डिंपल के सामने पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य भाजपा के प्रत्याशी हैं।

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उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग ने सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट पर उनकी सुरक्षा में कमी की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इन दिनों इटावा और मैनपुरी के दौरे पर चल रहे समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव की सुरक्षा घटा दी है। उनके सिक्योरिटी कवर को कम कर दिया गया है। शिवपाल सिंह यादव अब जेड के स्थान पर वाई श्रेणी की सुरक्षा में रहेंगे। राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की 25 नवंबर की बैठक में शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा कटौती को मंजूरी दी गई है। एसपी प्रशिक्षण एवं सुरक्षा वैभव कृष्ण ने इस आदेश को जारी किया है।

उत्तर प्रदेश सरकार की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाने वाले शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा का दायरा बढ़ाया था। इतना ही नहीं उनको लखनऊ के माल एवेन्यू क्षेत्र में बड़ा कार्यालय भी अलाट किया था। करीब पांच वर्ष पहले शिवपाल सिंह यादव को जेड सिक्योरिटी कवर दिया गया था।

जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी प्राप्त हस्ती की सुरक्षा में सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ या पुलिस के 22 जवान तैनात रहतेहैं। इनमें पांच एनएसजी कमांडो के साथ पुलिस अफसर होते हैं। उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग ने सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट पर उनकी सुरक्षा में कमी की है।

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