केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बनाई 12 सदस्यीय कमेटी, 10 दिनों में तैयार करेगी रिजल्ट के मानक,

सीबीएसई ने 12वीं छात्रों के मूल्यांकन के लिए अच्छी तरह से परिभाषित वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए एक समिति गठित की है। सीबीएसई की ओर से साझा की गई जानकारी के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआइ ने बताया है कि यह कमेटी 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।

 

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। सीबीएसई ने 12वीं छात्रों के मूल्यांकन के लिए अच्छी तरह से परिभाषित वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए एक समिति गठित की है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से साझा की गई जानकारी के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआइ ने बताया है कि यह कमेटी 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।

इस 12 सदस्यीय कमेटी में शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विपिन कुमार भी शामिल हैं। इस कमेटी की पहली बैठक के बारे में अभी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। सीबीएसई की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कमेटी के लोग एजुकेशन एक्सपर्ट से मशविरा करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद रिजल्ट तैयार करने के लिए मानकों को मंजूरी दी जाएगी।

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यही नहीं सीबीएसई शैक्षणिक सत्र 2021-22 से अपने स्कूलों में कोडिंग और डाटा साइंस के पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि इन दोनों नए पाठ्यक्रमों का मकसद बच्चों की तार्किक क्षमता को बढ़ाना है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के मुताबिक नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने यह वादा किया था कि स्कूलों के पाठ्यक्रमों में कोडिंग और डाटा साइंस को भी शामिल किया जाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा- मुझे खुशी है कि सीबीएसई सत्र 2021 से अपने वादे को पूरा करने जा रहा है। सीबीएसई माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से देश की भावी पीढ़ी को नए जमाने के कौशल सिखाकर उन्‍हें मजबूत बना रहा है। सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों को जारी दिशानिर्देश में कहा है कि कोडिंग को कक्षा-6 से 8 तक में 12 घंटे के स्किल मॉड्यूल के तौर पर शामिल किया जाएगा। इससे स्‍टूडेंट आर्टिफीशिएल इंटेलिजेंस के बारे में जान सकेंगे।

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