रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों को पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन (सीएफवी) के जवाब में कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता प्राप्त है। भारतीय सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई के दौरान पाक चौकियों और कर्मियों को काफी नुकसान पहुंचाया गया।
नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने आज सदन में जानकारी दी की पिछले तीन सालों में जम्मू कश्मीर में कितनी बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ है। राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि 30 नवंबर 2019 से 29 नवंबर 2021 तक जम्मू-कश्मीर में एलओसी (भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा) पर सीजफायर उल्लंघन के 5,601 मामले दर्ज किए गए। साथ ही उन्होंने कहा कि अग्रिम चौकियों पर तैनात भारतीय सैनिकों को पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन (सीएफवी) के जवाब में कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता प्राप्त है। भारतीय सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई के दौरान पाक चौकियों और कर्मियों को काफी नुकसान पहुंचाया गया है।
वहीं, अगस्त में गृह मंत्रालय गृह मंत्रालय ने बताया था कि मार्च 2021 के महीने में एक भी बार सीजफायर का उल्लंघन नहीं हुआ, जबकि साल 2018 में इसी दौरान सीजफायर की 203 घटनाएं हुई थीं। लोकसभा में गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि इस साल जनवरी में सीजफायर की 380 घटनाएं हुईं, फरवरी में यह आंकड़ा 278 था और मार्च में एक भी घटनाएं नहीं हुईं। इसके बाद अप्रैल में 1 बार, मई में 3 बार और जून में 2 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ।
बता दें कि पाकिस्तान के नापाक मंसूबे कम नहीं हो रहे हैं। पंजाब के गुरदासपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्रोन नजर आया, जिस पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने फायरिंग की और वह पाकिस्तान की सीमा में वापस लौट गया। बीएसएफ के एक अधिकारी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि रात को करीब 12.30 बजे एक ड्रोन देखा गया। पेट्रोलिंग टीम ने जब एक आवाज सुनी तो बीएसएफ के जवानों ने 5 राउंड फायरिंग की, जिसके बाद ड्रोन पाकिस्तान की सीमा में लौट गया। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्रोन देखे जाने की घटना कोई नई नहीं है।