कोरोना संक्रमण की बढ़ती गति ने सहालग की तपिश को बाजार से खत्म कर दिया है। सहालग के मौसम में बाजारों में ठसाठस दिखने वाली भीड़ अब शोरूम के सन्नाटों में तब्दील होती दिख रही है। कपड़ा बाजार में जहां 30 फीसद से अधिक की गिरावट आई है
लखनऊ, कोरोना संक्रमण की बढ़ती गति ने सहालग की तपिश को बाजार से खत्म कर दिया है। सहालग के मौसम में बाजारों में ठसाठस दिखने वाली भीड़ अब शोरूम के सन्नाटों में तब्दील होती दिख रही है। कपड़ा बाजार में जहां 30 फीसद से अधिक की गिरावट आई है। वहीं सराफा, होटल, किराना समेत कई अन्य ट्रेड की बिक्री में भी बड़ा अंतर आया है। गर्म वस्त्र, शूट, शेरवानी, लहंगा, होजरी समेत सभी बाजार डाउन हुए हैं।
कारोबारियों की चिंता इस बात को लेकर है कि मंगाया गया माल इस सहालग में पहले की तरह उठेगा या फिर गोदामों और शोरूम में ही डंप रहेगा। 15 जनवरी से शुरू होने वाली इस सहालग को कोरोना ने चौपट कर दिया है। चिंता इस बाद की भी है कि वह माल मंगाएं या नहीं। सीमित संख्या में होने वाली शादियों में माल बिकेगा या नहीं, इसे लेकर बाजार में संशय की स्थित है। कारोबार में लगातार गिरावट बाजार की रफ्तार को कम रही है।
ऊलेन वस्त्रों और कंबल की बिक्री लगातार प्रभावित होती जा रही है। यहां तक सर्दियों में बिकने वाले कंबल तक का कारोबार इस बार आधे से भी कम रहा है। सहालग होने के बावजूद साड़ी, लहंगा आदि का काम लगातार घट रहा है। -प्रभू जालान, कपड़ा कारोबारी
सराफा बाजार नौ दिन चल अढा़ई कोस वाली हालत पर फिर से आ गया है। त्योहार और सहालग ने बाजार को रफ्तार दी थी। कोरोना ने उस पर अब फिर से ब्रेेक लगा दिया है। इसकी वजह से सिर्फ जरूरतमंद ही खरीदारी कर रहा है। शादियों को लेकर पहले की तरह आमजन की तैयारियां अब नहीं दिख रही हैं। -अनुराग रस्तोगी, सराफा कारोबारी
होटल और लान कारोबार पर काेरोना का ग्रहण लग गया है। आगामी सहालग में शहर में होने वाले बारातघर, लान और होटलों में होने वाला करीब 300 करोड़ का व्यापार घटकर आधा रह गया है। संक्रमण की गति देख कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में होटल उद्योग के और घटने के आसार हैं। -श्याम कृश्नानी, ज्वाइंट सेक्रेटरी यूपी होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन
कोरोना काल में काढ़ा के आइटम काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, हल्दी आदि चीजों की बिक्री जरूर थोड़ा बढ़ी है लेकिन अन्य आइटम शांत हैं। बाजार में अन्य मसाले के आइटम जरूरत के मुताबिक ही लोग ले रहे हैं। पहले की तरह रोज अन्य जिलों को होने वाली चार से पांच ट्रक किराना आइटम की आपूर्ति घटकर आधी रह गई है। -विनोद अग्रवाल, थोक कारोबारी किराना सुभाष मार्ग
कोरोना काल के महीने आगामी सहालग पर भारी पड़ने वाले हैं। कपड़ा कारोबार की बिक्री में सहालग पर जहां शोरूम भरे रहते थे धीरे-धीरे उनमें सन्नाटा पसरता जा रहा है। लहंगा, साड़ी, शूटिंग-शर्टिंग्स आदि। ऐसे में चिंता है कि गोदामों में जमा माल कैसे बिकेगा। नया आर्डर बुक कराएं या फिर इंतजार करें। कारोबारी इसी उधेड़बुन में हैं। -अशोक मोतियानी, अध्यक्ष, उप्र कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
कोराेना काल में थमा शहर का बाजार, आगामी सहालग में गिरता कारोबारी आंकड़ा रुपयों में
- कपड़ा कारोबार 350 से घटकर करीब 150 करोड़
- ऊलेन वस्त्र 150 से 200 से घटकर 100 करोड़
- होटल उद्योग, लान, बारातघर 400 करोड़ से घटकर 150 करोड़
ग्रामीणांचलों के बीच थमी रोजगार की गतिः ग्रामीण क्षेत्रों में बिकने वाला सूती कपड़ा, सस्ती साड़ियां, चादर, पटरा, लट्ठा, मारकीन, कंबल आदि चीजों का काम कोरोना काल में कम हो गया है। राजधानी लखनऊ से ही आसपास के जिला मुख्यालयों और तहसीलों को माल की आपूर्ति की जाती है। लेकिन इस बार यह भी घटकर आधा हो गया है।