कोरोना की दूसरी लहर से कृषि क्षेत्र पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव, 3 फीसद से अधिक रहेगी ग्रोथ रेट,

नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने रविवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से कृषि क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सब्सिडी कीमत और प्रौद्योगिकी पर भारत की नीतियां चावल गेहूं और गन्ना के पक्ष में बहुत अधिक रही हैं।

 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस महामारी के बावजूद भारत के कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन दमदार रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद यह क्षेत्र कोरोना महामारी की पहली लहर से अछूता रहा था। अब नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने रविवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से भारतीय कृषि क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह एक अच्छी बात है।

नीति आयोग के सदस्य ने आगे कहा कि सब्सिडी, कीमत और प्रौद्योगिकी पर भारत की नीतियां चावल, गेहूं और गन्ना के पक्ष में बहुत अधिक रही हैं। रमेश चंद ने कहा कि भारत को दालों के लिए फायदेमंद रहने वाली खरीद और एमएसपी पर नीतियां बनाने की जरूरत हैं।

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि साल 2021-22 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3 फीसद से अधिक रहेगी। बता दें कि हाल ही में सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किये थे। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश की विकास दर 1.6 फीसद पर रही। लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया। आंकड़ों में कहा गया कि वित्त वर्ष 2019-20 में देश की विकास दर चार फीसद पर रही थी।

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