प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते बदलते हालात को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में मौजूदा सूरते हाल की समीक्षा हुई। पढ़ें यह रिपोर्ट…
नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते बदलते हालात को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह सचिव, कैबिनेट सचिव और कोविड टास्क फोर्स के उच्चाधिकारी मौजूद हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट के चलते पैदा हुए सूरते हाल की समीक्षा हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी समय समय पर कोविड-19 के मसले पर बैठकें करते रहे हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को ओमिक्रोन से सतर्क और सावधान रहने को कहा था। उन्होंने कहा था कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
इस बीच ओमिक्रोन के 552 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद देश कोविड के इस नए वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 3,623 हो गई है। ओमिक्रोन के 3,623 मामलों में से 1,409 लोग या तो स्वस्थ हो गए हैं या देश से बाहर चले गए हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा 1,009 मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद दिल्ली का नंबर है जहां 513 मामले सामने आए हैं। वहीं कर्नाटक में 441, राजस्थान में 373, केरल में 333 और गुजरात में 204 मामले सामने आए हैं।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक एक दिन में कोरोना के 1,59,632 नए मामले सामने आए हैं। यह बीते 224 दिन के दौरान आए सर्वाधिक दैनिक मामले हैं। पिछले साल 29 मई को कोरोना के 1,65,553 मामले आए थे। बीते 24 घंटे में संक्रमण से 327 लोगों की मौत हो गइ है जिससे महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,83,790 हो गई है। वहीं देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 5,90,611 हो गई है।
वहीं भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान के वैज्ञानिकों का आकलन है जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में तीसरी लहर चरम पर होगी। इस दौरान देश में हर रोज कोरोना के 10 लाख तक नए मामले मिल सकते हैं। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र सबसे बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। महाराष्ट्र में हर रोज कोरोना के 1,75,000 मामले मिल सकते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में तीसरी लहर का चरम अलग अलग समय पर हो सकता है।