कोरोना के नए संक्रमणों में तेजी से गिरावट के बाद शंघाई 1 जून को अपने लाकडाउन से निकलने के लिए तैयार है। शहर के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि जूनियर और सीनियर हाई स्कूल के छात्र 6 जून से आफलाइन कक्षाओं में लौट सकते हैं।
बीजिंग, रायटर। कोरोना के गंभीर संकट से जूझने वाला चीन अब आर्थिक संकट से परेशान है। चीन की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शंघाई शहर में यह संकट बढ़ रहा है। आर्थिक उत्पादन के लिहाज से चीन का सबसे बड़ा शहर अप्रैल की शुरुआत में लगाए गए लाकडाउन से प्रभावित हुआ है।
वहीं, अब कोरोना के नए संक्रमणों में तेजी से गिरावट के बाद शंघाई 1 जून को अपने लाकडाउन से निकलने के लिए तैयार है। शहर के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि जूनियर और सीनियर हाई स्कूल के छात्र 6 जून से आफलाइन कक्षाओं में लौट सकते हैं। इस सप्ताह ही शापिंग माल और डिपार्टमेंट स्टोर को फिर से खोलने की अनुमति दी जाएगी।
बीजिंग के अधिकारी प्रीमियर ली केकियांग ने बुधवार को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बारे में एक गंभीर दृष्टिकोण पेश किया। उन्होंने कहा कि कुछ पहलुओं में इस बार कोरोना की मुश्किलें 2020 से भी अधिक थीं। कई निजी क्षेत्र के अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि सकल घरेलू उत्पाद अप्रैल-जून में एक साल पहले की तुलना में पहली तिमाही की 4.8% वृद्धि से अनुबंधित होगा। ली ने एक आनलाइन सम्मेलन में देशभर के हजारों सरकारी अधिकारियों से कहा कि चीन दूसरी तिमाही में उचित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि हासिल करने का प्रयास करेगा।
वहीं, चीन के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को कहा कि वह छोटी फर्मों के लिए अधिक ऋण को बढ़ावा देंगे और वित्तीय संस्थानों से मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों के साथ-साथ कोरोना के प्रकोप से प्रभावित क्षेत्रों को उधार देने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।
लाकडाउन के कारण घरेलू हवाई यातायात गिरा
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह चीनी एयरलाइंस को 21 मई से 20 जुलाई तक सब्सिडी की पेशकश करेगा ताकि उन्हें कोरोनो वायरस-प्रेरित मंदी और उच्च तेल की कीमतों का सामना करने में मदद मिल सके। शंघाई और आसपास के शहरों में लाकडाउन के कारण घरेलू हवाई यातायात गिर गया है।
इस बीच शंघाई स्थित चाइना ईस्टर्न ने कहा कि एक साल पहले अप्रैल में यात्रियों की संख्या 90.7 प्रतिशत घट गई है। चीन के विमानन नियामक ने गुरुवार को कहा कि पिछले महीने कुल मिलाकर हवाई यात्री यातायात साल-दर-साल लगभग 85 प्रतिशत गिर गया, और 2019 में यानी कोरोना से पहले अपने स्तर का बमुश्किल 15 प्रतिशत था।