कोरोना में करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई और लाखों लोगों को अत्यधिक गरीबी का सामना करना पड़ा। ऑक्सफैम के नए शोध के मुताबिक कोरोना के दौरान हर 30 घंटे में एक नया अरबपति बना है। वहीं हर 33 घंटे में लगभग 10 लाख लोग गरीब हुए हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2022 के लिए दुनिया भर के अमीर और पावरफुल लोग दावोस में इकट्ठा हो रहे हैं। ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान हर 30 घंटे में एक नया अरबपति उभरकर सामने आया है, जबकि हर 33 घंटे में लगभग 10 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए।
दावोस में ‘प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन’ टाइटल से एक रिपोर्ट जारी करते हुए अधिकार समूह ने आगे कहा कि आवश्यक वस्तुओं की लागत पिछले दशकों की तुलना में तेजी से बढ़ी हैं। खाद्य और ऊर्जा क्षेत्रों में अरबपति हर दो दिन में एक अरब अमरीकी डॉलर तक खुद को बढ़ा रहे हैं। डब्ल्यूईएफ (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) खुद को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए एक इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन के रूप में प्रदर्शित करता है और वह दो साल के बाद दावोस में अपनी वार्षिक बैठक की मेजबानी कर रहा है।
दावोस पहुंच रहे दुनिया भर के अरबपति
ऑक्सफैम इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने कहा कि कोविड के समय में बिजनेस में हुए अविश्वसनीय उछाल का जश्न मनाने के लिए अरबपति दावोस पहुंच रहे हैं। महामारी के कारण खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में भारी उछाल हुआ है, जो कुछ अमीर लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है। हालांकि, कोविड के कारण लाखों लोग गरीबी का सामना कर रहे हैं। लाखों लोग ऐसे हैं, जो इस महंगाई को झेलते हुए सिर्फ जीवित रहने का प्रयास कर रहे हैं।
हर 30 घंटे में बन रहा एक नया अरबपति
रिपोर्ट से पता चला है कि महामारी के दौरान हर 573 लोग नए अरबपति बने हैं। मतलब कि हर 30 घंटे में एक नया अरबपति बना है। वहीं, ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल हर 33 घंटे में एक मिलियन (10 लाख) लोगों की दर से 263 मिलियन और लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जाएंगे।
कोविड में अरबपतियों की संपत्ति में बढ़ोतरी
कोविड-19 के पहले 24 महीनों में अरबपतियों की संपत्ति में पिछले 23 वर्षों की तुलना में अधिक वृद्धि हुई है। दुनिया के अरबपतियों की कुल संपत्ति अब वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 13.9 प्रतिशत के बराबर है।