विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना संकट के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगाई गई रोक को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि सक्षम प्राधिकरण हर मामले पर गौर करते हुए चयनित मार्गों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अनुमति दे सकते हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना संकट के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगाई गई रोक को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि सक्षम प्राधिकरण हर मामले पर गौर करते हुए चयनित मार्गों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अनुमति दे सकते हैं।
मालूम हो कि देश में कोरोना महामारी के चलते 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में मई 2020 से वंदे भारत अभियान और जुलाई 2020 से चयनित देशों के बीच द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती रही हैं। केंद्र सरकार ने अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस समेत 27 देशों के साथ एयर बबल समझौते किए हैं।
बता दें कि एयर बबल समझौते के तहत दो देशों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय विमान अपने क्षेत्रों के बीच उड़ान भर सकते हैं। हालांकि डीजीसीए के शुक्रवार को जारी अपने आधिकारिक बयान में यह भी कहा है कि निलंबन का असर अंतरराष्ट्रीय मालवाहक अभियानों और उसके द्वारा मंजूरी प्राप्त उड़ानों पर नहीं पड़ेगा। गौर करने वाली बात है कि अंतरराष्ट्रीय यात्री विमानों पर निलंबन को लेकर यह फैसला कोरोना की दूसरी लहर के बीच आया है।
हाल ही में डीसीजीए की ओर से यात्रियों के लिए जारी एक सर्कुलर में कहा गया था कि यात्रियों को एयरपोर्ट में दाखिल होने के बाद से लेकर निकलने तक मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों को शारीरिक दूरी और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा। नियमों को तोड़ने पर आपको प्लेन से उतार दिया जाएगा। यही नहीं बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वालों को ‘उपद्रवी यात्री’ करार दे दिया जाएगा।