बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान के बाद भी सरकार को गेहूं के उत्पादन में इजाफे की उम्मीद हैं। फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फसल वर्ष 2022-23 में खराब मौसम के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ था। इससे अनाज की गुणवत्ता काफी प्रभावित हुई और भारत के किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद सरकार को गेहूं के अच्छे फसल उत्पादन की उम्मीद है और फसल वर्ष 2022-23 में करीब 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन देखा जा सकता है।
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के कुछ हिस्सों में खराब मौसम के बावजूद अनाज की गुणवत्ता प्रभावित होने के बावजूद सरकार को फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 112.18 मिलियन टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है।
पिछले साल से ज्यादा उत्पादन की उम्मीद
सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष यानी कि जुलाई से लेकर दूसरे साल के जून तक में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन 112.18 मिलियन टन रहने का अनुमान लगाया है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 107.74 मिलियन टन रह गया था।
खराब मौसम से हुआ नुकसानचोपड़ा ने कहा, पिछले दो हफ्तों में खराब मौसम के कारण गेहूं की फसल को कुछ नुकसान हुआ है। केंद्र ने इसको लेकर कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल की बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल का लगभग 8 से 10 प्रतिशत तक नुकसान होने का अनुमान है। मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी गई है और केंद्र जल्द ही पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील देने पर विचार करेगा।
इसके अलावा, देर से बुवाई होने वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से उत्पादन की भरपाई होने की उम्मीद है। कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहाकि कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार इस साल देश का कुल गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर 112.2 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।