‘खोयो ऊंट घड़ा में ढूंढे’, संसद कर्मचारियों की नई ड्रेस पर सपा नेता का तंज, बोले- ये BJP के अच्छे लक्षण नहीं

समाजवादी पार्टी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि यह भाजपा के लिए अच्छे लक्षण नहीं है। उन्होंने गांव की एक कहावत को इससे जोड़ते हुए कहा ऐसी चीजों में हमारे गांव में कहा जाता है कि जब व्यक्ति बदहवास हो जाता है तो परेशान होकर वो घड़े में ऊंट को ढूंढने लगता है।

 

नई दिल्ली: 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र के दौरान संसद भवन के सभी महिला और पुरुष कर्मचारी नई वेश-भूषा में नजर आएंगे। नई वेश-भूषा में कमल के फूल और खाकी रंग को तवज्जो दी गई है। अब इस मामले ने सियासी रंग ले लिया है। समाजवादी पार्टी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि यह भाजपा के लिए अच्छे लक्षण नहीं है। उन्होंने गांव की एक कहावत को इससे जोड़ते हुए कहा ऐसी चीजों में हमारे गांव में कहा जाता है कि जब व्यक्ति बदहवास हो जाता है तो परेशान होकर वो घड़े में ऊंट को ढूंढने लगता है।

सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि चार राज्यों के चुनावों नजदीक आ रहे हैं, बीजेपी उनमें हारती हुई नजर आ रही है। लोकसभा चुनावों में हार की आशंका को देखते हुए बीजेपी बदहवास सी हो गई है। उन्होंने कहा कि ड्रेस पर कमल का चिह्न बनवाना नैतिकता के आधार पर भी गलत है। बकौल यादव, ऐसी ड्रेस चलाइए लेकिन अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न बदल लीजिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को चुनाव आयोग से कहना चाहिए कि कमल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है और इसका इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है।

यहां उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इससे कुछ होने वाला नहीं है। ग्रामीण कहावत का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि किसी का ऊंट खो जाता है तो वह बदहवास होकर ऊंट को घड़े में ढूंढने लगता है। बीजेपी भी इसी तरह से बदहवास हो गई है। बता दें कि इस कहावत को स्थानीय भाषा में ‘खोयो ऊंट घड़ा में ढूंढे’ कहा जाता है।

रामगोपाल यादव ने कहा कि जो कर्मचारी कमल का निशान लगाकर ड्रेस पहनेगा, 95 फीसदी वो कमल के खिलाफ वोट करेगा। उन्होंने कहा कि इनसे (बीजेपी) सब परेशान हैं क्योंकि इनसे काम नहीं हो रहा है। ये युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहे हैं, मंहगाई रोक नहीं सकते है। महिलाओं पर अत्याचार कम नहीं हो पा रहा है। सपा सांसद के अनुसार, 24 घंटे झूठे भाषण से जनता परेशान हो चुकी है।

क्या है पूरा मामला

18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र के दौरान संसद भवन के सभी महिला और पुरुष कर्मचारी नई वेश-भूषा में नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारियों की वेशभूषा, यहां तक कि जूतों तक को बदल दिया गया है। नई वेश-भूषा में कमल के फूल और खाकी रंग को तवज्जो दी गई है। संसद भवन के कर्मचारियों के लिए इस नई वेशभूषा को निफ्ट ने डिजाइन किया है।

अब सचिवालय के कर्मचारी बंद गले के सूट के बजाय मेजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहने नजर आएंगे। संसद भवन के टेबल आफिस के स्टाफ यानी सदन में स्पीकर के सामने बैठने वाले कर्मचारी भी इसी वेशभूषा में नजर आएंगे।

इनकी शर्ट भी गहरे गुलाबी रंग की होगी, जिन पर कमल का फूल बना होगा और ये कर्मचारी अब खाकी रंग की पैंट पहने नजर आएंगे। दोनों सदनों के मार्शल नई संसद में मणिपुरी पगड़ी पहने नजर आएंगे। इसके साथ ही संसद भवन के अन्य सुरक्षाकर्मियों की वेशभूषा भी बदल दी गई है। अब ये सुरक्षाकर्मी सफारी सूट के बजाय सैनिकों की तरह वर्दी (कैमोफ्लेज) पहने नजर आएंगे।

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