गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई घटना के बाद आंदोलन समाप्त कर चुके किसान संगठन नए कृषि कानूनों के विरोध को लेकर फिर से सक्रिय होने हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम किसान आंदोलन को लेकर हुए घटनाक्रमों को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने नोएडा में अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा करने के एक दिन बाद शुक्रवार को फिर से विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
बीकेयू (लोक शक्ति) प्रमुख मास्टर श्यौराज सिंह ने नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर करीब दो महीने तक डेरा डालकर बैठे अपने समर्थकों से आह्वान किया है कि वे अब गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचें, जहां राकेश टिकैत की अगुवाई में बीकेयू सदस्य धरना दे रहे हैं। शुक्रवार को एक वीडियो संदेश में सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीकेयू (लोक शक्ति) समर्थकों से मुजफ्फरनगर में बुलाई गई किसान महापंचायत में पहुंचने की अपील भी की थी। श्यौराज सिंह ने कहा कि गुरुवार को गाजियाबाद के एक विधायक अपने हथियारबंद समर्थकों के साथ गाजीपुर विरोध स्थल पहुंचे थे। इस कदम से बीकेयू नेता राकेश टिकैत व्यथित हैं। उनकी गिरफ्तारी और वहां विरोध समाप्त होने के बारे में घोषणा की गई थी, लेकिन विधायक ने वहां माहौल को बिगाड़ दिया और टिकैत रो पड़े।
उन्होंने कहा कि बीकेयू (लोक शक्ति) दमन की किसी भी नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार या प्रशासन कोई भी कार्रवाई कर सकता है, लेकिन कोई विधायक या जनप्रतिनिधि किसानों के साथ क्रूरता से व्यवहार नहीं कर सकता और बीकेयू (लोक शक्ति) यह बर्दाश्त नहीं करेगा।
श्यौराज सिंह ने कहा कि उनका गुट नए विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई में टिकैत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा। सिंह के आह्वान पर बीकेयू (लोक शक्ति) के सदस्य मुजफ्फरनगर की महापंचायत में शामिल हुए और कई समर्थक शुक्रवार शाम गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए।
गौरतलब है कि गुरुवार शाम को भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के अध्यक्ष ने नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर जाकर उन्हें आंदोलन समाप्त करने का पत्र सौंपा था।