गुरुग्राम से जम्मू तक सड़क पर उतरे किसान, दिल्ली में चारों ओर फोर्स ही फोर्स

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो माह से अधिक समय से किसानों का प्रदर्शन जारी है। बीते गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के बाद अब किसान आंदोलन को और धार देने के लिए संगठनों ने आज देशव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है। किसानों के इस चक्का जाम को कांग्रेस समेत कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।  हालांकि, चक्का जाम का असर राजधानी दिल्ली में नहीं होगा। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में आज यानी शनिवार को चक्का जाम नहीं होगा। इधर, देशव्यापी चक्काजाम ’के तहत कृषि कानूनों के खिलाफ कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका पुलिस स्टेशन के बाहर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया।

किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे। ‘चक्का जाम’ शनिवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किये जाने का प्रस्ताव है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि शनिवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन इन दोनों राज्यों के किसानों को किसी भी समय दिल्ली बुलाया जा सकता है। किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे।

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