पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने आज 100 जाट नेताओं के साथ मुलाकात की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और सांसद परवेश वर्मा भी मौजूद रहे।
नई दिल्ली, एजेंसी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज 100 जाट नेताओं के साथ मुलाकात की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और सांसद परवेश वर्मा भी मौजूद रहे। 2014 के चुनाव के समय से ही भाजपा को जाटों का भरपूर समर्थन मिलता रहा है और इसकी वजह से पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन करती रही है, लेकिन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के कारण इस समुदाय में पार्टी को लेकर नाराजगी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पहुंचे हैं।
जाट नेताओं को नाराजगी दूर करने का जिम्मेदारी
तीन कृषि कानूनों को लेकर जाट समुदाय की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान समेत सभी जाट नेताओं को किसानों के बीच उतारा। पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी का चुनावी मैदान बनाने में लगे रणनीतिकार इस मुलाकात को बेहद अहम मान रहे हैं। इसे जाटों को साधने की दिशा में बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है। साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन होने से बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी होने की आशंका है। रालोद ने क्षेत्र में जाटों के बीच खोई जमीन पाने के लिए लंबा होमवर्क किया है।
कैराना में राजनीति को नई दिशा
राजनीतिक नजरिए से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गठबंधन बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। लेकिन चुनावी रणनीतिकार मानते हैं कि अमित शाह ने इस हलचल को पहले ही भांप लिया था। जिसके चलते उन्होंने 29 अक्टूबर 2021 को लखनऊ में कैराना पलायन का मुद्दा उठाकर चुनावी माहौल गरम कर दिया था। जिसके बाद बीती 22 जनवरी को कैराना पहुंचकर अमित शाह ने पलायन पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसानों के आस-पास घूम रही राजनीति को अमित शाह ने नई दिशा देने का काम किया है।