घर में सोना रखने की क्या है लिमिट, कब और कितना देना होगा टैक्स, जानें सभी डिटेल

सोने के जेवर या सोने से बनी चीजें घर में रखने से पहले हम उनकी सुरक्षा तो सुनिश्चित करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे संबंधित सरकारी नियमों की जानकारी होना भी महत्वपूर्ण है।

 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सोना एक कीमती धातु है जिसका मूल्य समय के साथ बढ़ता ही जाता है। भारत में त्योहारों के दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है। गहनों से लेकर सिक्कों तक बहुत से लोग अपने घरों में सोना रखना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं?

घर में सोना रखने के बाद उसकी सुरक्षा के अलावा यह जानना भी बहुत जरूरी है कि घर में सोना रखने के नियम क्या हैं। आप घर में कितनी मात्रा में सोना या सोने के गहने रख सकते हैं, इसके लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं जिनका पालन करना जरूरी है। लेकिन ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं कि घर में सोना रखने की कोई निर्धारित मात्रा भी है।

क्या कहते हैं नियमकेंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने प्रकट  या छूट वाली आय से सोना खरीदा है या उचित तरीकों से की गई घरेलू बचत से सोना खरीदा है तो उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। कानूनी रूप से विरासत में मिला सोना, जिसके सोर्स ज्ञात हों, उस पर भी कोई कर नहीं देना पड़ेगा।

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कितना सोना रख सकते हैंआयकर मामलों के जानकार और मुंबई में स्वतंत्र सेवाएं देने वाले अनुपम अग्रवाल बताते हैं कि जब तक सोने को आय के स्पष्ट स्रोतों से खरीदा गया है, तब तक उसके भंडारण की कोई सीमा नहीं है। अगर नियमों की बात करें तो एक विवाहित महिला 500 ग्राम तक सोना रख सकती है। एक अविवाहित महिला 250 ग्राम सोना स्टोर कर सकती है। पुरुष सदस्यों के लिए यह सीमा 100 ग्राम है।

क्या सोना रखने पर टैक्स लगता है?सोने को रखने पर कर नहीं लगता है, लेकिन जब आप इसे बेचते हैं तो आपको टैक्स देना होता है।

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बेचने के क्या हैं नियमयदि आप सोने को तीन साल से अधिक समय तक रखने के बाद बेचते हैं तो बिक्री से होने वाली आय लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) के अधीन होगी। दूसरी ओर, यदि आप सोने को खरीदने के तीन साल के भीतर बेचते हैं तो लाभ व्यक्ति की आय में जोड़ा जाता है और लागू टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री के नियमसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) बेचने के मामले में प्रॉफिट आपकी आय में जोड़ा जाएगा और फिर चुने हुए टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा। अगर एसजीबी को रखने के तीन साल बाद बेचा जाता है तो प्रॉफिट पर इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत और बिना इंडेक्सेशन के 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा। यदि बांड की परिपक्वता अवधि पूरी हो जाती है तो लाभ पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा।

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