यह रविवार को तड़के तीन बजे से कुछ देर पहले फ्लोरिडा में मेक्सिको की खाड़ी में उतरा। अपोलो-8 के बाद यह दूसरी बार है जब अमेरिका का कोई अंतरिक्ष यान रात को धरती पर पहुंचा है। अपोलो-8 साल 1968 में चंद्र अभियान के बाद रात में धरती पर उतरा था।
केप केनेवरल, एपी। स्पेसएक्स का कैप्सूल चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से धरती पर पहुंच गया है। यह रविवार को तड़के तीन बजे से कुछ देर पहले फ्लोरिडा में मेक्सिको की खाड़ी में उतरा। अपोलो-8 के बाद यह दूसरी बार है, जब अमेरिका का कोई अंतरिक्ष यान रात को धरती पर पहुंचा है। अपोलो-8 साल 1968 में चंद्र अभियान के बाद रात में धरती पर उतरा था।
नासा के माइक हाप्किंस, विक्टर ग्लोवर और शैनोन वाकर तथा जापान के सोइची नोगुची उसी कैप्सूल से धरती पर आए, जिससे पिछले साल नवंबर में वे अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे थे। स्पेसएक्स के उतरने के मद्देनजर तटरक्षक बल ने सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया था। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में अब सिर्फ सात अंतरिक्ष यात्री बच गए हैं। इनमें से चार अंतरिक्ष यात्री पिछले सप्ताह ही स्पेसएक्स के जरिये अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे थे। अंतरिक्ष स्टेशन से चलने के बाद विक्टर ग्लोवर ट्वीट किया था, धरती की ओर विदा। परिवार और घर के एक कदम करीब।
स्पेसएक्स के रॉकेट की सफल लैंडिंग के कुछ ही देर बाद हुआ था धमाका
वहीं, दूसरी ओर पिछले महीने स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन का नया और सबसे बड़ा रॉकेट अपनी तीसरी कोशिश में पहली बार सफलतापूर्वक लैंड हुआ, लेकिन धरती पर उतरने के कुछ देर बाद ही इसमें जोरदार धमाका हो गया था। रॉकेट लॉन्चपैड पर ही जलकर पूरी तरह से खाक हो गया था। स्पेसएक्स की टीम ने जैसे ही इस उड़ान को सफल करार दिया, यह रॉकेट आग की लपटों में घिर गया था। इस हादसे से अमेरिकी स्पेस कंपनी के मंगल मिशन को बड़ा झटका लगा था।