चीनी बंदरगाह बिल को श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताया, जानें- क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने दिया बिल को दो तिहाई बहुमत से पारित कराने का आदेश। विपक्षी दलों के अनुसार इस विधेयक से चीन की कालोनी बन जाएगा श्रीलंका। कोर्ट ने इस साल अप्रैल में विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी समूहों की ओर से दायर लगभग 18 याचिकाओं पर सुनवाई की थी।

 

कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने चीनी बंदरगाह शहर बिल के कई प्रविधानों को संविधान के खिलाफ बताया है। श्रीलंका के विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। स्पीकर महिंदा यापा अबयवरदेना ने संसद में सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि कोलंबो पोर्ट सिटी इकोनामिक कमीशन बिल के कई प्रविधानों को सदन से दो तिहाई बहुमत से पारित किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा इन पर राष्ट्रीय जनमत संग्रह भी होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल में विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी समूहों की ओर से दायर लगभग 18 याचिकाओं पर सुनवाई की थी। इन याचिकाओं में इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनमत संग्रह कराने और इन्हें संसद से दो तिहाई बहुमत से पारित किए जाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 23 मई को इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की। विपक्षी दलों का कहना है कि इस विधेयक से श्रीलंका चीन की कालोनी में बदल जाएगा। बंदरगाह शहर परियोजना के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय कानूनों से छूट दी गई है। विपक्षी दल, सिविल सोसायटी समूह और श्रमिक संगठन इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह परियोजना देश की संप्रभुता, संविधान और श्रम अधिकारों का उल्लंघन करती है।

इस विधेयक पर संसद में पांच मई को चर्चा होने वाली थी। लेकिन तब तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संसद को अवगत नहीं कराया गया था। इसलिए उस दिन चर्चा को स्थगित कर दिया गया था। अब बुधवार और इसके अगले दिन इस पर बहस होगी।

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