चीन ने उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की घटना में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों और घायलों के प्रति सोमवार को संवेदना जताई है। उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट गया था जिससे हिमस्खलन हुआ और अलकनंदा नदी में बाढ़ आ गई। इस बाढ़ में जलविद्युत केंद्र बह गए, जिससे 11 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक व्यक्ति लापता हैं जिनकी मौत होने की आशंका है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ”हमने गौर किया है कि उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर बाढ़ आई थी। हम पीड़ितों और शोक संतप्त परिवारों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं।” उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ”हमें उम्मीद है कि लापता लोगों को जल्द बचा लिया जाएगा।” गंगा की सहायक नदियों धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा नदियों में अचानक आई बाढ़ से ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापक तबाही हुई है।
‘लाखों मीट्रिक टन बर्फ फिसलने से आई आपदा’
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को इसरो के वैज्ञानिकों के हवाले से कहा कि रविवार को चमोली जिले में आपदा लाखों मीट्रिक टन बर्फ के एक साथ फिसलकर नीचे आने की वजह से आई। रैंणी क्षेत्र में ऋषिगंगा और धौलीगंगा में अचानक आई बाढ़ के कारणों पर सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारियों और इसरो के वैज्ञानिकों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि दो तीन दिन पहले वहां जो बर्फ गिरी थी, उसमें एक ट्रिगर प्वाइंट से लाखों मीट्रिक टन बर्फ एक साथ स्लाइड हुई और उसके कारण यह आपदा आई है।