‘चुनाव पर पक्षपातपूर्ण था राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का पत्र…’, पीएम शहबाज शरीफ का हमला

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी पर निशाना साधा है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक शरीफ ने कहा कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के चुनावों पर लिखा उनका पत्र स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण था।

 

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी पर निशाना साधा है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफ ने कहा कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के चुनावों पर लिखा उनका पत्र ‘स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण’ था। शरीफ ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई पार्टी के ‘एकतरफा और सरकार विरोधी’ विचारों का समर्थन किया।

24 मार्च को लिखा था पत्र24 मार्च को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शहबाज शरीफ को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने अनुरोध किया था कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में हुए आम चुनावों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए।

 

बता दें कि यह कार्रवाई पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा पंजाब में आसन्न चुनावों में देरी के जवाब में की गई थी। ये चुनाव मूल रूप से 30 अप्रैल को होने वाले थे। ईसीपी ने शेड्यूल में बदलाव के प्राथमिक कारण के रूप में सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया था।

पत्र में क्या लिखा था?अपने पत्र में, राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि संघीय और प्रांतीय सरकारों के सभी संबंधित कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे मानवाधिकारों का उल्लंघन करने से बचें और दोनों प्रांतों में जल्द से जल्द आम चुनाव कराने के लिए ECP के साथ काम करें।

 

इस पत्र को लेकर पीएम शरीफ ने दावा किया कि ये एक सरकार विरोधी की भावना से लिखा पत्र था। पीएम शहबाज ने राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए दावा किया कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के गैरकानूनी निर्देशों के अनुसार नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल को असंवैधानिक करार दिया था।

विफल रहे राष्ट्रपति अल्वीशरीफ ने कहा कि, अनुच्छेद 91, खंड 5 के अनुसार, राष्ट्रपति अल्वी की जिम्मेदारी थी कि वे उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाएं। उन्होंने कहा कि ‘मैंने राष्ट्रपति के साथ अच्छे कार्य संबंध बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए।

 

हालांकि, पत्र की सामग्री, लहजा और भाषा ने मुझे इसका जवाब देने के लिए मजबूर किया है।’ पीएम शहबाज ने यह भी कहा, ‘आपकी पार्टी अदालती आदेशों की अवहेलना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हमला, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, अराजकता, नागरिक और काव्यात्मक बनाने के प्रयास पर ध्यान देने में विफल रहे हैं।’

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