चौकी इंचार्ज और दो कांस्टेबल पर मुकदमा, 50 हजार रुपये दो नहीं तो जेल में सड़ा दूंगा’

गांव के दो लोगों को जरूरत पड़ने पर उधार देना और पैसे मिलने के बाद किसान पुलिसिया साजिश का शिकार हो गया। आरोप है कि चौकी के दलाल से मिलीभगत कर फर्जी शिकायत के आधार पर चौकी इंचार्ज व दो कांस्टेबल घर से ले गए और हवालात में बंद कर दिया। कहा गया कि 50 हजार रुपये दो नहीं दिए तो गांजा लगाकर जेल में सड़ा दूंगा।

 

बांदा।  उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एक गांव के दो लोगों को जरूरत पड़ने पर उधार देना और पैसे मिलने के बाद किसान पुलिसिया साजिश का शिकार हो गया। आरोप है कि चौकी के दलाल से मिलीभगत कर फर्जी शिकायत के आधार पर चौकी इंचार्ज व दो कांस्टेबल घर से ले गए और हवालात में बंद कर दिया। कहा गया कि 50 हजार रुपये दो नहीं दिए तो गांजा लगाकर जेल में सड़ा दूंगा। मोहलत मांग पीड़ित ने मांगी गई रकम दे दी, तो बाद में डेढ़ लाख रुपये और मांगे गए। आए-दिन पुलिस घर का चक्कर लगाने लगी। कृषि विश्वविद्यालय चौकी की पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर पीड़ित ने न्याय के लिए कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट के आदेश पर चौकी इंचार्ज, दो कांस्टेबल समेत पांच लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा लिखा गया।

इलाज के लिए दिए थे तीन लाख

मवई बुजुर्ग निवासी जानकी सहाय ने स्पेशल जज डकैती कोर्ट में 156/3 के तहत वाद दायर कर बताया कि गांव के देशराज प्रजापति व दसुवा से अच्छे संबंध होने के वजह से सुख-दुख में सहयोग करता था। देशराज की पत्नी बीमार थी, इलाज के लिए उसने तीन लाख रुपये मांगे थे। मैंने पांच मई 2023 को अपने पास से एक लाख रुपये और अपने व्यवहारी सुनील कुमार से लेकर दो लाख रुपये दे दिए। देशराज ने अपनी जमीन बेचकर 20 दिन बाद एक लाख रुपये और 29 मई को सुनील कुमार के नाम दो लाख रुपये का चेक दिया, जिसे सुनील ने उसी दिन भुगतान करा लिया।

 

दर्ज केस के मुताबिक, गांव का दसुवा कृषि विश्वविद्यालय पुलिस चौकी की पुलिस का दलाल है। उसके चौकी इंचार्ज रोशन गुप्ता से कहा कि जानकी के पास बहुत संपत्ति है। देशराज द्वारा चेक से दिए गए दो लाख रुपये दिलवा दें तो हम देशराज से 50 हजार रुपये दिला देंगे। दसुवा व चौकी इंचार्ज की मिलीभगत से देशराज ने एक फर्जी कहानी बनाकर दो लाख रुपये का चेक वापस दिलाने के लिए 31 जुलाई को प्रार्थना पत्र दिया। जिसके बाद चौकी इंचार्ज रोशन गुप्ता, हेड कांस्टेबल सतेंद्र कुमार सुबह करीब आठ बजे उसके घर पहुंचे और पकड़कर चौकी में लाकर बंद कर दिया।

चौकी में मारपीट कर बनाया गया दबाव

जानकी के मुताबिक, देशराज प्रजापति, दसुवा, चौकी इंचार्ज रोशन गुप्ता, दीवान सतेंद्र गुप्ता व कांस्टेबल इंद्रजीत यादव ने गाली-गलौज कर उसके साथ मारपीट कर चेक का दो लाख रुपया वापस मांगा। मेरे मना करने पर चौकी इंचार्ज ने कहा कि 50 हजार रुपये दो, नहीं तो गांजा लगाकर जेल में सड़ा दूंगा और जमानत भी नहीं होने देंगे।पुलिसिया भय के चलते जानकी ने दो घंटे की मोहलत मांगी और व्यवहारियों से 50 हजार रुपये लेकर चौकी इंचार्ज को दिए। आरोप है कि एक फर्जी सुलहनामा बनवाकर हस्ताक्षर करा लिए गए।

दस दिन के अंदर डेढ़ लाख देने के आश्वासन पर छोड़ा

दो लाख रुपये में बाकी के डेढ़ लाख रुपये दस दिन के अंदर देने को कहा गया और उसके हामी भरने पर चौकी से छोड़ा गया। जानकी के मुताबिक इस बीच स्वजन व दो-तीन लोग भी पहुंचे थे, जिन्होंने घटना को खुद देखा।

धमकी दी गई कि कहीं इस बात की चर्चा की तो जेल में सड़ा दिया जाएगा। वह दो अगस्त को कोतवाली गया, उसके बाद 11 अगस्त को एसपी, डीआइजी, डीएम व मुख्यमंत्री के यहां डाक से शिकायत भेजी। आरोप है कि पुलिस उसे व सुनील कुमार के घर चौकी की पुलिस जाती है और डरा-धमका कर पैसा मांग रही है।हर जगह शिकायत के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोतवाल अनूप दुबे ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर चौकी इंचार्ज रोशन गुप्ता समेत पांच के खिलाफ मुकदमा लिख जांच की जा रही है।

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