व्लादिमीर पुतिन और ओलाफ स्कोल्ज के बीच आखिरी बार पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में फोन के माध्यम से बातचीत हुई थी। यूक्रेन के साथ जारी युद्ध को पुतिन आक्रामक और अहंकारी देशों के साथ एक अस्तित्व की लड़ाई के तौर पर देखता है।
मास्को, रायटर्स। रूस और यूक्रेन के बीच में करीब सालभर से युद्ध चल रहा है। ऐसे में दोनों देशों की तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। जबकि यूक्रेन निर्णायक बढ़त हासिल करने के लिए पश्चिमी देशों और यूरोप के लगातार सहयोग की गुहार लगा रहा है। इसी बीच रूस से रविवार को एक बड़ी जानकारी सामने आई। जिसके मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, हालांकि उनके साथ बातचीत के लिए अभी कोई फोन कॉल निर्धारित नहीं है।
स्कोल्ज ने पुतिन से फिर बात करने की जताई थी इच्छाक्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने स्थानीय समाचार एजेंसी को जानकारी दी कि पुतिन बातचीत के लिए उपलब्ध हैं और आगे भी रहेंगे। हालांकि, शेड्यूल में कोई वार्ता नहीं है। दरअसल, ओलाफ स्कोल्ज ने रविवार को बर्लिन के दैनिक टैगेस्पीगेल को दिए एक इंटरव्यू में पुतिन के साथ एक बार फिर से बातचीत करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि मैं पुतिन के साथ फिर से बात करूंगा।
दिसंबर में हुई थी आखिरी बार बातचीतपुतिन और ओलाफ स्कोल्ज के बीच आखिरी बार पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में फोन के माध्यम से बातचीत हुई थी। बता दें कि यूक्रेन के साथ जारी युद्ध को पुतिन आक्रामक और अहंकारी देशों के साथ एक अस्तित्व की लड़ाई के तौर पर देखता है।
यूक्रेन को लगातार मिल रही सहायतारूस के खिलाफ युद्ध में निर्णायक बढ़त हासिल करने के उद्देश्य से यूक्रेन ने पश्चिमी देशों और यूरोप से उन्नत हथियारों की आपूर्ति करने का दबाव बनाया था। ऐसे में जर्मनी ने यूक्रेन को लियोपार्ड 2 टैंकों की आपूर्ति करने का फैसला लिया है। साथ ही अमेरिका एम1 अब्राम्स टैंक भेजने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन को अमेरिका के बाद सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति करने वाला जर्मनी दूसरा सबसे बड़ा देश है।