कई बार बीमा पॉलिसी लेने के बाद उपभोक्ता को इस बात का एहसास होता है कि यह पॉलिसी उनके लिए सही नहीं है या इसकी नियम एवं शर्तें वैसी नहीं हैं जैसी वह चाह रहे हैं। ऐसे में आप फ्री-लुक अवधि का फायदा उठा सकते हैं। हर कंपनी 15 दिनों का फ्री-लुक पीरियड अपने ग्राहक को देती है। इस दौरान आप कंपनी को पॉलिसी वापस कर सकते हैं। हम आपको फ्री-लुक पीरियड के बारे में बता रहे हैं।
क्या है फ्री-लुक पीरियड
फ्री-लुक पॉलिसी की अवधि पॉलिसी दस्तावेज मिलने की तिथि से 15 दिनों तक की होती है। यह अवधि आपको बीमा पॉलिसी की जांच करने और यदि आप पॉलिसी की किसी बात या शर्त से संतुष्ट नहीं हैं तो इससे बाहर निकलने का मौका देती है। बीमा नियामक इरडा के दिशानिर्देश के मुताबिक इस अवधि में व्यक्ति पॉलिसी रद्द कर सकता है या इसकी शर्तों में बदलाव के लिए भी कंपनी को कह सकता है। पॉलिसी रद्द होने के बाद कंपनी राशि वापस कर देती है।
स्वास्थ्य बीमा तीन साल का जरूरी
स्वास्थ्य बीमा जैसे इंडेम्निटी पॉलिसी, ऐसी पॉलिसी जिसके लाभ पहले से ही परिभाषित हों जैसे क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी और पर्सनल एक्सीडेंट कवर पर आपको 15 दिनों के फ्री-लुक पीरियड का लाभ तभी मिलेगा जब इनकी अवधि कम से कम तीन साल की हो। जबकि सामान्य जीवन बीमा को लेकर इस तरह की शर्त नहीं है।
इन दस्तावेजों की होती है जरूरत
पॉलिसीधारक बीमा कंपनी को उसकी फ्री-लुक अवधि की दिशा में काम करने के लिए लिख सकता है। कंपनी की वेबसाइट से भी फ्री-लुक फार्म डाउनलोड किए जा सकते हैं। इसमें पॉलिसीधारक को पॉलिसी के दस्तावेज मिलने की तिथि, एजेंट की जानकारी और रद्द करने या बदलने के कारण के बारे में जानकारी देनी होती है। इसके अलावा पॉलिसी के मूल दस्तावेज, पहले प्रीमियम की रसीद, एक कैंसिल चेक और अन्य दस्तावेज जमा कराने होते हैं। राशि वापसी के पॉलिसीधारक को बैंक संबंधी जानकारी भी उपलब्ध कराने की जरूरत होती है।
कितनी राशि मिलती है वापस
रद्द करने के स्थिति में भुगतान किया गया पूरा प्रीमियम वापस नहीं होता है। यहां तक कि यदि आप फ्री-लुक पीरियड के भीतर भी पॉलिसी लौटाते हैं, तो भी बीमा कंपनी चिकित्सा परीक्षण और स्टांप ड्यूटी पर हुए खर्च को घटाने के बाद ही भुगतान की गई राशि वापस करती है। इसके अलावा यदि रिस्क कवर पहले से ही प्रभाव में आ चुका है, तो पॉलिसी रद्द करने से पहले उस अवधि के लिए आनुपातिक जोखिम प्रीमियम की कटौती की जाती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
डिजिट जनरल इंश्योरेंस के आदर्श अग्रवाल का कहना है कि फ्री लुक पीरियड उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है। इस अवधि में पॉलिसी पसंद नहीं आने पर बेहद कम शुल्क चुकाकार पॉलिसी रद्द करा सकते हैं। पॉलिसी एक्स डॉटकॉम के संस्थापक नवल गोयल का कहना है कि कई कंपनियां फ्री लुक पीरियड में पॉलिसी रद्द कराने की सुविधा के लिए एक मानक फॉर्म देती हैं। उनका कहना है कि इसमें सावधानी से जानकारियों की सूचना देनी चाहिए।