पूर्वी कैरेबियाई द्वीप पर ज्वालामुखी के फटने से लोगों में दहशत फैली हुई है। प्रशासन लोगों को यहां से सुरक्षित जगहों पर ले जाने के लिए जहाजों का इस्तेमाल कर रहा है। इससे निकलने वाले लावे से लोगों के घर जल गए हैं।
किंग्सटाउन (रॉयटर्स)। पूर्वी कैरेबियाई द्वीप पर रहने वाले लोग पिछले करीब तीन दिनों से घर से दूर होने पर मजबूर हो रहे हैं। इसकी वजह बना है वहां का ला सॉफरियर ज्वालामुखी, जो लगातार आग और धुंआ उगल रहा है। इससे निकलते हुए धुएं के गुबार को कई किमी दूर से भी देखा जा सकता है। इस ज्वालामुखी में लगातार जबरदस्त धमाके हो रहे हैं और बड़ी मात्रा में लावा भी बाहर आ रहा है। इसकी वजह लोगों के कई मकान या तो जल गए हैं या फिर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस कारण लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
प्रशासन ने खतरे को देखते हुए कई जगहों की पावर सप्लाई को भी कट कर दिया है, जिसकी वजह से भी लोगों की परेशानी बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक इस ज्वालामुखी में हो रहे धमाकों की आवाज करीब 32 किमी दूर से भी सुनी जा सकती है। रॉयटर्स ने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंडीज सिस्मिक रिसर्च सेंटर के प्रमुख वैज्ञानिक रिचर्ड रॉबर्टसन के हवाले से बताया है कि लोगों को इस ज्वालामुखी से फिलहाल निजात नहीं मिलने वाली है। उनके मुताबिक इसमें होने वाले धमाके और निकलने वाली राख और लावे का सिलसिला कुछ और दिनों तक बरकरार रह सकता है।
इस ज्वालामुखी के फटने से लोगों में दहशत व्याप्त है। हालांकि रॉबर्टसन का कहना है कि कुछ समय के बाद ये धमाके और लावे का निकलना बंद हो जाएगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक ज्वालामुखी की ये घटना 1979 के बाद से सबसे भयंकर है। आपको बता दें कि इस ज्वालामुखी में वर्ष 1902 में जबरदस्त धमाका हुआ था जिसके बाद लावा और धुंए से पूरा आसमान ढक गया था। इससे निकलने वाले लावे और गर्म राख से करीब 1600 लोगों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि 32 द्वीपों से बने सेंट विंसेट एंड द ग्रेनेडाइंस देश के प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि लोग इस घटना से दहशत में न आएं, प्रशासन उनके लिए हर संभव मदद करने को तैयार खड़ा है। उन्होंने ये भी कहा है कि देश कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में लेागों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी असवाधानी से पूरा देश मुश्किल में आ सकता है। उन्होंने कहा है कि सभी कोरोना वायरस को रोकने के लिए बनाए नियमों का पालन करें।
पीएम गोंजाल्विस के मुताबिक प्रशासन राख को हटाने के बेहतर तरीके अपना रहा है साथ ही लावे से लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। ज्वालामुखी की इस घटना के बाद करीब 3,200 लोगों ने 78 सरकारी शिविरों में शरण लिया है। ज्वालामुखी के समीप वाले द्वीपों से लोगों को हटाने के लिए जहाजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ लोगों को सेंट लूसिया पहुंचाया गया है। शिविर में आने वाले लोगों की भी कोविड-19 टेस्टिंग की जा रही है। एंटीगुआ और ग्रेनेडा समेत कुछ अन्य पड़ोसी देशों ने लोगों को शरण देने की पेशकश की है।