सीतापुर में जेल से छूटने के बाद पीड़ित ने कमिश्नरेट में कमिश्नर रोशन जैकब से मुलाकात कर एसडीएम की शिकायत की। एसडीएम पर तहसील में बुलाकर मारने-पीटने व लेखपाल से मुकदमा लिखाकर जेल भेजवाने का आरोप लगाया।
सीतापुर, लहरपुर तहसील क्षेत्र के रोहिया शिवपुर के अशोक मौर्य जिला जेल से मंगलवार को पांचवें दिन रिहा होकर सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे। समीक्षा बैठक के बाद मंडलायुक्त (कमिश्नर) डा. राेशन जैकब जैसे ही सभागार से बाहर निकलीं अशोक मौर्य अर्जी लेकर हाथ जोड़कर उनसे व्यथा बताने लगे। थोड़ा-बहुत सुनने के बाद कमिश्नर ने पड़ोस में खड़े डीएम अनुज सिंह को पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीएम से शिकायत पर नाराज हुए थे एसडीएम
अशोक मौर्य का आरोप है कि पांच सितंबर को उसने जिले पर आकर डीएम को मांग पत्र दिया था। इसी पर एसडीएम लहरपुर नाराज हुए और उसे आठ सितंबर को फोन कर तहसील बुलाया था। तहसील पहुंचने पर एसडीएम ने मारापीटा और पुलिस बुलाकर लहरपुर कोतवाली भेज दिया। फिर लेखपाल के माध्यम से उसके विरुद्ध मुकदमा लिखा कर जेल भेजवा दिया।
हाथ पर लगी जेल की मुहर भी दिखाई :
अशोक मौर्य अपने बाएं हाथ पर रिहा होने की लगी जेल की मुहर भी दिखा रहे थे। बताया, उनका गांव शारदा नदी की बाढ़ से प्रभावित है। वह समय-समय पर पीड़ितों की मांग उठाते रहते हैं। इसी प्रकार 250 कटान पीड़ित बेघरों को आवासीय भूमि भी दिलाई है।
तहसील कार्यालय में आकर फाड़े थे अभिलेख : एसडीएम
एसडीएम लहरपुर अनुपम मिश्र का कहना है कि अशोक मौर्य के विरुद्ध पहले भी कई विरुद्ध मुकदमे लिखे जा चुके हैं। तीन-चार दिन पहले यह तहसील कार्यालय में घुसकर सरकारी अभिलेख फाड़ दिए थे। इसके सीसी कैमरे के फुटेज भी हैं। इस पर लेखपाल ने मुकदमा लिखाया और पुलिस ने उसे जेल भेजा था। एसडीएम ने यह भी कहा कि अशोक मौर्य बच्चों से धरना-प्रदर्शन कराता है, जो नीति संगत नहीं है। उन्होंने अशोक के आरोपों को झूठा बताया।