ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वाराणसी में खोजे गए शिवलिंग की सुरक्षा के लिए अपने आदेश बरकरार रखा है। हिंदू पक्ष के वकील जैन ने आज कोर्ट में मामले का उल्लेख करते हुए कहा था कि शिवलिंग की सुरक्षा का अंतरिम आदेश 12 नवंबर को समाप्त हो रहा।

 

नई दिल्ली । ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर शुक्रवार को अलग-अलग मामलों में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और जिला अदालत में सुनवाई हुई। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने हिंदू पक्षों को ज्ञानवापी विवाद पर दायर सभी मुकदमों को मजबूत करने के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की अनुमति दी।

इसके साथ ही पीठ ने हिंदू पक्षों को एक सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर अपील पर तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

वाराणसी का ज्ञानवापी मामलाआपको मालूम हो कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश द्वारा उस क्षेत्र की रक्षा करने का निर्देश दिया जहां ‘शिवलिंग’ पाया गया था और नमाज के लिए मुसलमानों तक पहुंच प्रदान की गई थी। आज वाराणसी के ज्ञानवापी मामले का अहम दिन रहा। ज्ञानवापी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक शिवलिगं का संरक्षण जारी रखने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग को कोई नहीं छुएगा।

20 मई को, शीर्ष अदालत ने हिंदू भक्तों द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) से वाराणसी के जिला न्यायाधीश को दायर एक दीवानी मुकदमे को ‘जटिलताओं’ और मुद्दे की ‘संवेदनशीलता’ को देखते हुए स्थानांतरित कर दिया था।

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