श्रीलंका के आर प्रेमदासा स्टेडियम की लंबी बाउंड्री ने भारतीय बल्लेबाजो के लिए चौके – छक्के लगाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण बना दिया है। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने कहा कि भारतीय खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलने के आदी हैं जहां बाउंड्रीज छोटी होती हैं।
कोलंबो, आइएएनएस। श्रीलंका के आर प्रेमदासा स्टेडियम की लंबी बाउंड्री ने भारतीय बल्लेबाजो के लिए चौके – छक्के लगाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण बना दिया है। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलने के आदी हैं, जहां बाउंड्रीज छोटी होती हैं। भारत के लिए दो टेस्ट और तीन वनडे खेलने वाले इस पूर्व गेंदबाज ने कहा कि यह बल्लेबाजों के लिए भी चुनौतीपूर्ण है, बाउंड्री लगाना आसान नहीं है। आपको सिंगल्स और डबल्स पर निर्भर होने की जरूरत है। रन के लिए आपको काफी दौड़ना पड़ा है। यह सिर्फ परिस्थिति के हिसाब से ढलन का तरीका है, जो महत्वपूर्ण है।
भारतीय बल्लेबाज बुधवार को दूसरे टी-20 में केवल सात चौके ही लगा सका। इनमें से पांच शिखर धवन के बल्ले से आए। युवा देवदत्त पडिक्कल ने 29 रन की पारी में एक चौका और पारी का एकमात्र छक्का लगाया। पहले टी-20 में, भारतीय बल्लेबाजों ने 12 चौके लगाए, जिनमें से नौ धवन (4) और सूर्यकुमार यादव (5) के बल्ले से आए। सूर्यकुमार ने भारतीय पारी में दोनों छक्के लगाए।
म्हाम्ब्रे ने कहा कि आप भारत में लंबी बाउंड्री में खेलने के आदी नहीं हैं। आमतौर पर खासकर आइपीएल में आपको छोटी बाउंड्री मिलती हैं। ऐसे में आप खूब चौके और छक्के लगाते हैं। 49 वर्षीय पूर्व दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने कहा कि इतनी लंबी बाउंड्री के साथ खेलने का मतलब है कि युवाओं के पास गेंद को फ्लाइट कराना सीखने का एक अवसर है। उन्होंने कहा जाहिर है यह युवाओं और स्पिनरों के लिए भी मौका है। यह एक तरह से गेंद को थोड़ा और टॉस करने का मौका देता है, क्योंकि बाउंड्री का एक हिस्सा दूसरे की तुलना में थोड़ा लंबा होता है। यह देखकर अच्छा लगा। बता दें दोनों टीमों के बीच आज तीसरा और निर्णायक टी-20 मैच होना है। सीरीज 1-1 से बराबर है।