दारोगा भर्ती में नकल कराने वाले गिरोह भंडाफोड़, 15 लाख में पास कराने की ली थी गारंटी

गोरखपुर में पुल‍िस भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। गोरखपुर व महराजगंज जिले के रहने वाले आरोपितों ने 15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने की गारंटी ली थी।

 

गोरखपुर : दारोगा भर्ती की आनलाइन परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने गोरखपुर में गिरफ्तार किया है। गोरखपुर व महराजगंज जिले के रहने वाले आरोपितों ने 15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने की गारंटी ली थी।कई परीक्षा केंद्र के संचालकाें से इनकी साठगांठ थी। पूछताछ में नाम सामने आने के बाद संचालकाें पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। रुपये देने वाले अभ्यर्थी को गिरोह के सदस्य अलग कमरे में बैठाकर प्रश्न पत्र हल कराते थे। एसटीएफ के निरीक्षक ने आरोपितों के खिलाफ रामगढ़ताल थाने में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज कराया है।

ऐसे पकड़े गए जालसाज

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से आयोजित उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस एवं अन्य पदों की सीधी भर्ती आनलाइन परीक्षा-2021 में गोरखपुर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा की तैयारी है। इस सूचना टीम सक्रिय हुई तो पता चला कि अश्वनी दूबे केंद्र संचालक, माडेंटो वेन्चर्स प्राइवेट लिमिटेड, अनुभव सिंह, क्लस्टर हेड एनएसईआईटी गोरखपुर, आशीष शुक्ला, केंद्र संचालक कैवेलियर एनीमेशन सेंटर एनएसईआईटी गोरखपुर, दीपक, दिवाकर उर्फ रिन्टू एवं सेनापति, केन्द्र संचालक सिद्धि विनायक आनलाइन सेंटर गोरखपुर, नित्यानन्द गौड़, संतोष यादव, रजनीश दीक्षित, केन्द्र संचालक ओम आनलाइन सेन्टर मिलकर नकल कराने की योजना बना रहे हैं। सभी लोग तारामंडल के देवरिया बाइपास मोड़ पर अभ्यर्थियों से मिलकर रुपये लेने वाले हैं।

इस टीम ने घेराबंदी कर पकड़ा

सूचना पर इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर आलोक कुमार राय, हेड कांस्टेबल जितेन्द्र यादव, महेंद्र प्रताप सिंह सहित टीम के अन्य सदस्यों ने घेराबंदी कर तीन लोगों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान एनएसईआईटी के कलस्टर हेड व गुलरिहा थाना क्षेत्र के शिवपुर सहबाजगंज निवासी अनुभव सिंह, महराजगंज जिले के घुघुली थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव निवासी नित्यानंद गौड़ व चिलुआताल थाना क्षेत्र के महेसरा निवासी सेनापति साहानी के रूप में हुई।आरोपितों से पूछताछ के बाद एसटीएफ गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है।आरोपितों के कब्जे से दो आधार कार्ड, एक डीएल, तीन मोबाइल फोन, चार पेन ड्राइव, एक पेन कार्ड, एक वोटर आईडी और 6100 रुपये बरामद हुए।

ओम सेंटर पर दो अभ्यर्थियों ने दी है परीक्षा

पकड़े गए आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि रुपये देने वाले अभ्यर्थी को लैब या कमरे में बैठा परीक्षा दिलाने की बड़े पैमाने पर योजना थी।गोरखपुर के रहने वाले कई अभ्यर्थियों का सेंटर अन्य जनपदों में होने की वजह यह योजना सफल नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि अलग जगह बैठाकर परीक्षा दिलाने ही नहीं बल्कि सेटिंग वाले अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए साल्वर भी बुलाया जाता है।नित्यानंद गौड ने बताया कि 15 और 16 नवंबर को रजनीश दीक्षित ने दो अभ्यर्थियों के रोल नम्बर की स्लिप दी थी। जिसमें एक का सर नेम परिहार था। जिसे मुझे असली अभ्यर्थी की जगह ले जाकर बैठना था।

गोरखपुर के कलस्टर हेड अनुभव सिंह की मदद से अभ्यर्थी बायोमेट्रिक कराने के बाद बाहर चले गए और साल्वर को मैं अंदर लेकर गया था। सेनापति ने बताया कि आशीष शुक्ला, दीपक और दिवाकर ने सेंटर का सीसी कैमरा बंद करके एक मशीन मंगाई थी जिससे वे परीक्षा में नकल कराते हैं। दीपक और दिवाकर आन लाइन परीक्षा में साल्वर को बैठाते हैं। उनके इस काम में मैं पूरा सहयोग करता हूं। ओम सेंटर पर सेटिंग अभी तक दो लोगों की परीक्षा दिलाने की बात सामने आई है।

जिन दो अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा में साल्वर बैठाए जाने की बात सामने आई है उनकी तलाश चल रही है।गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई होगी।एसटीएफ के साथ ही रामगढ़ताल पुलिस छानबीन कर रही है। – डा. विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *