दिल्ली पुलिस का किसान नेता राकेश टिकैत को नोटिस, पूछा- उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए?

दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को नोटिस जारी कर पूछा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए।  तीन दिन में नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है।

दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन स्थल पर नोटिस चस्पा कर दिया है। नोटिस में यह भी लिखा गया है, “आपको अपने संगठन से संबंधित ऐसे हिंसक कृत्यों के अपराधियों के नाम उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया जाता है। आपको 3 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जाता है

जानकारी के अनुसार, नए कृषि कानूनों के विरोध के बीच दिल्ली में गणंतत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार शाम को संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई। अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार रहा है। कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले। यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी। किसान आंदोलन जारी रहेगा।

किसान नेताओं ने वादाखिलाफी कर हिंसा को भड़काया : दिल्ली पुलिस

वहीं, दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव बताया था कि ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेताओं ने वादाखिलाफी की और हिंसा को भड़काया। कमिश्नर ने बताया कि 2 जनवरी को दिल्ली पुलिस को पता चला कि किसान 26 को ट्रैक्टर रैली करने जा रहे हैं। हमने किसानों से कहा कि कुंडली, मानेसर, पलवल पर ट्रैक्टर मार्च निकालें, लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े रहे। श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रैक्टर परेड से पहले दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि कुछ नियम और शर्तें लागू की जाएं, यह उन्हें यह सब लिखित रूप में दिया गया था। रैली दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक चलनी थी, इसका नेतृत्व किसान को करना था और किसान नेताओं को अपने समूहों के साथ रहना था। उन्हें यह भी लिखित में दिया गया था कि 5000 से अधिक ट्रैक्टर (रैली में) नहीं होने चाहिए और उनके पास कोई हथियार नहीं होना चाहिए।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने बताया कि 25 जनवरी की देर शाम तक यह सामने आया कि किसान अपनी बात नहीं रख रहे थे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लाए जिन्होंने मंच पर कब्जा कर लिया और भड़काऊ भाषण दिए, जिससे उनके इरादे स्पष्ट हो गए। किसानों ने पुलिस के द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर हिंसक घटनाएं कीं। इन घटनाओं में कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। हम चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं और आरोपी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की मदद ले रहे हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

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