अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों को सामान्य नींद व तीन रातों की कम नींद के बाद गहन व्यायाम से गुजरना पड़ा। जब उन्होंने कम नींद के बाद व्यायाम किया तो सामान्य स्थिति में व्यायाम करने की तुलना में दिल की चोट से जुड़ा बायोमार्कर ट्रोपोनिन का स्तर बढ़ गया।
उप्साला (स्वीडन), दिल को बेहतर रखने के लिए डाक्टर रोजाना कम से कम आठ घंटे सोने की सलाह देते हैं। लेकिन, क्या किसी के सोने की अवधि उसके व्यायाम व दिल को प्रभावित कर सकती है, विज्ञानियों का नया अध्ययन इसी पर आधारित है। यह अध्ययन ‘मालिक्यूलर मेटाबोलिज्म’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों को सामान्य नींद व तीन रातों की कम नींद के बाद गहन व्यायाम से गुजरना पड़ा। जब उन्होंने कम नींद के बाद व्यायाम किया, तो सामान्य स्थिति में व्यायाम करने की तुलना में दिल की चोट से जुड़ा बायोमार्कर ट्रोपोनिन का स्तर बढ़ गया।
व्यायाम से मिलता है दिल को फायदा
यह एक पायलट अध्ययन था और अभी तय करना संभव नहीं है कि क्या यह निष्कर्ष दिल की सेहत के लिए प्रासंगिक हो सकता है। महामारी विज्ञान से जुड़े पिछले अध्ययनों से पता चला है कि कम नींद से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है और व्यायाम से दिल को फायदा मिलता है।
नींद की कमी हृदय की प्रणाली पर डाल सकती है प्रतिकूल प्रभाव
अध्ययन के नेतृत्वकर्ता व स्वीडन स्थित उप्साला विश्वविद्यालय में चिकित्सा कोशिका जीव विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर जोनाथन सेडर्नेस ने कहा, ‘व्यायाम दिल के लिए बहुत अच्छा है, जबकि नींद की कमी हृदय की प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। अभी यह पता करना बाकी है कि क्या कम नींद शारीरिक तनाव को नियंत्रित कर सकती है, जिसकी वजह से सघन व्यायाम के बाद दिल की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं।’
शोधकर्ताओं ने इस दौरान स्वस्थ और सामान्य वजन वाले 16 युवकों का अध्ययन किया। पिछले कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के साथ-साथ ऐसी स्थितियों के लिए आनुवंशिकता के लिए सभी की बड़े पैमाने पर जांच की गई। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों की अनुशंसित सीमा के भीतर सामान्य नींद की आदतें थीं। उन्होंने नियमित रूप से 7-9 घंटे की नींद लेने की सूचना दी।