उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद के शाहबाद का एक निकाह चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल यहां काजी ने निकाह पढ़ने से इन्कार कर दिया। क्योंकि महिला पहले से शादीशुदा थी और युवक पर दुष्कर्म का आरोप भी लगाया था।
रामपुर : उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद के शाहबाद का एक निकाह चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, यहां काजी ने निकाह पढ़ने से इन्कार कर दिया। क्योंकि, महिला पहले से शादीशुदा थी और उसने युवक पर दुष्कर्म का आरोप भी लगाया था। उसने पति को तलाक भी दे दिया, लेकिन इद्दत पूरी नहीं की। इसलिए बात शरीयत पर आकर रुक गई। बाद में दोनों ने शपथ पत्र बनवाकर शादी कर ली।
कुछ दिन पहले शाहबाद कसबा के एक मुहल्ले की महिला ने यही के युवक पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की तहरीर पुलिस को दी थी। महिला शादीशुदा थी। पुलिस ने उसकी तहरीर पर तुरंत युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। बाद में महिला आरोपित युवक से शादी करने की जिद पर अड़ गई। उसने अपने पति को छोड़ दिया। महिला का कहना था कि उसने पहले पति को तलाक दे दिया है। अब वह युवक के साथ ही रहेगी। लेकिन, युवक के स्वजन इसके लिए तैयार नहीं थे।
इस पर समाज के लोगों ने पंचायत कराई और दोनों पक्ष में समझाैता करा दिया। समझौते में तय हुआ कि महिला और युवक निकाह कर सकते हैं। शनिवार शाम चार बजे निकाह होना था। दोनों पक्षों के लोग निकाह के गवाह बनने के लिए इकट्ठा हो गए। तैयारियां की गईं, लेकिन बात तब बिगड़ गई, जब निकाह पढ़ाने के लिए कोई राजी नहीं हुआ।
दरअसल, शरीयत के मुताबिक मुस्लिम महिला और पति के बीच तलाक हुआ है तो महिला को दूसरा निकाह करने से पहले इद्दत की रस्म करनी पड़ती है। यह रस्म पूरी न होने के कारण दोनों का निकाह पढ़ाने कोई राजी नहीं था। इस पर देर शाम दोनों पक्षों ने एक अधिवक्ता के माध्यम से शपथ पत्र बनवाया और निकाह की औपचारिकता पूरी कर दी। उधर, शाहबाद कोतवाली प्रभारी संजय तोमर ने बताया कि उन्हें इस निकाह के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। वह जांच कराएंगे।