आरबीआइ ने एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को भी राहत दी है। कोरोना की दूसरी लहर की धार कुंद करने के लिए आरबीआइ ने सूक्ष्म लघु व मझोले उद्यमों यानी एमएसएमई गैर-एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को भी लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा दी है।
नई दिल्ली, कोरोना की दूसरी लहर में बुरी तरह से प्रभावित सेवा क्षेत्र के लिए अलग से 1,5000 करोड़ रुपये के लोन की व्यवस्था की गई है। आरबीआइ की तरफ से यह घोषणा की गई है। इस स्कीम के तहत सेवा क्षेत्र के उद्यमी अगले सप्ताह सोमवार यानी सात जून से लेकर अगले साल 31 मार्च तक लोन ले सकेंगे। इस स्कीम के तहत होटल, रेस्टोरेंट, टूरिज्म, ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेटर्स, विमानन सेवा, निजी बस ऑपरेटर्स, कार रिपेयर सेवा, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, स्पा, क्लीनिक, ब्यूटी पार्लर व सैलून के कारोबार से जुड़े उद्यमी लोन ले सकेंगे।
कोरोना की दूसरी लहर में देश के लगभग 20 प्रमुख राज्यों में लॉकडाउन होने से इन क्षेत्रों का कामकाज लगभग ठप हो गया है।आरबीआइ के इस फैसले से सर्विस सेक्टर के छोटे कारोबारियों को अपना कारोबार फिर से स्थापित करने में मदद मिलेगी। कई राज्यों में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए घोषित प्रतिबंधों में इस महीने की शुरुआत से ढील मिलने लगी है।
पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमण की रफ्तार भी खासा घटी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने से सभी राज्यों में कोरोना संकट से जुड़ी हर तरह की पाबंदी लगभग खत्म हो जाएगी। ऐसे समय में यह लोन सेवा क्षेत्र के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) में होटल, टूरिज्म, उड्डयन जैसे सर्विस सेक्टर को शामिल करने की घोषणा की है।
इस स्कीम के तहत कारोबारियों से बिना तरह की गारंटी या गिरवी लिए बिना उन्हें पांच वर्षो के लिए लोन दिए जाते हैं। आरबीआइ ने सर्विस सेक्टर से दबाव खत्म करने तथा इस सेक्टर से जुड़े कारोबारियों व उनके यहां काम कर रहे कर्मियों की माली हालत सुधारने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का स्पेशल विंडो बनाने की घोषणा की है। इस विंडो के तहत ही बैंक सेवा क्षेत्र को लोन दे सकेंगे।
आरबीआइ ने एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को भी राहत दी है। कोरोना की दूसरी लहर की धार कुंद करने के लिए आरबीआइ ने सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों यानी एमएसएमई, गैर-एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को भी लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा दी है। नई घोषणा के तहत 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज रिस्ट्रक्चर किए जा सकेंगे।
अब तक 25 करोड़ रुपये तक के कर्ज को ही रिस्ट्रक्चर किए जाने की इजाजत थी। वहीं, एमएसएमई के लोन और रिफाइनेंसिंग के लिए सिडबी को भी विशेष नकदी सुविधा के तहत 16,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इस फंड से छोटे- छोटे जिलों में एमएसएमई की लोन जरूरतों को पूरा किया जाएगा।