डाक्टर जान ने कहा कि मेरी जानकारी में कोई भी राज्य कोरोना के मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं। देश में मार्च और अप्रैल के दौरान कोरोना के मामले कम और अपेक्षाकृत स्थिर संख्या के साथ बने हुए हैं।
नई दिल्ली, देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। लोग चौथी लहर को लेकर अभी से आशंकित हैं। प्रख्यात वायरोलाजिस्ट डाक्टर टी जैकब जान ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोरोना की चौथी लहर की संभावना बेहद कम है। यह पूछे जाने पर कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इस पर वायरोलाजिस्ट जैकब जान ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा में पिछले दो से तीन हफ्तों में कोरोना के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई थी, लेकिन यह वृद्धि लगातार जारी नहीं रही है।
साथ ही डाक्टर जान ने कहा कि मेरी जानकारी में कोई भी राज्य कोरोना के मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं। देश में मार्च और अप्रैल के दौरान कोरोना के मामले कम और अपेक्षाकृत स्थिर संख्या के साथ बने हुए हैं। दिल्ली और हरियाणा में पिछले दो से तीन सप्ताह में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन वृद्धि लगातार नहीं रह रही है। दिल्ली में एक हजार केस सिर्फ 5 लाख प्रति आबादी के बराबर है।
वायरोलाजिस्ट ने दोहराया कि चौथी लहर की संभावना बेहद कम
डाक्टर जान ने कहा कि अगर चौथी लहर आती है तो यह मेरे लिए केवल आश्चर्य की बात होगी। इसलिए मैं इसके बारे में कुछ भी अनुमान नहीं लगा सकता। साथ ही कहा कि चौथी लहर की संभावना बेहद कम है। कोरोना की लहर के दुष्प्रभावों के खिलाफ हमारा सबसे अच्छा बचाव टीकाकरण का बहुत अधिक होना है। पूर्ण टीकाकरण का मतलब है कि दो खुराक और कम से कम 6 महीने बाद एक एहतियाती खुराक ली गई हो। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ण टीकाकरण के रूप में दो खुराक का आधिकारिक संस्करण अवैज्ञानिक है।
कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क का उपयोग जरूर करना चाहिए
कोरोना के मामलों को रोकने व इससे बचने के लिए और क्या किया जाना चाहिए, इस पर वायरोलाजिस्ट ने कहा कि मास्क का उपयोग जरूर करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि बढ़ते मामलों के बीच क्या स्कूलों को बंद कर दिया जाना चाहिए, इस पर डाक्टर जान ने कहा कि स्कूलों को बिल्कुल बंद नहीं किया जाना चाहिए। स्कूल खुले रहने चाहिए।
देश में क्या कोरोना वायरस के कोई नया वैरिएंट है, इस पर वायरोलाजिस्ट ने नकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जहां भी कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ाव था, वहां भी मामलों में गिरावट आई है। कोरोना के मामलों में वृद्धि बिल्कुल भी कायम नहीं है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि कोई नया वैरिएंट शामिल है। हालांकि, वैरिएंट स्क्रीनिंग को जारी रखा जाना चाहिए ताकि कोरोना वायरस हमें फिर से एकदम से आश्चर्यचकित न करे।