ना अध्यक्ष, ना सचिव और ना ही सदस्य…आखिर कैसे हो भर्तियां, राजस्थान में 14 लाख अभ्यर्थियों की अटकी आस

राजस्थान में भर्तियों के लिए बनाया गया राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड खुद अध्यक्ष और सचिव के लिए जूझ रहा है। ऐसे में राजस्थान के बेरोजगार अभ्यर्थी छह हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए बाट जोह रहे है। प्रदेश के 14 लाख अभ्यर्थियों की नियुक्ति की आस अटकी हुई है। इसका कारण यह है कि बोर्ड के अध्यक्ष बीएल जाटावत के इस्तीफे के बाद ना तो अब तक अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है और ना ही सचिव। इतना ही नहीं, बोर्ड में सदस्य तक नहीं है। ऐसे में अब बोर्ड सिर्फ कर्मचारियों के भरोसे ही चल रहा है।

गौरतलब है कि एक साल में दो भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट होने के कारण विवादों में आए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष बीएल जाटावत को इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं, सचिव का तबादला होने के बाद यहां कोई अधिकारी नहीं लगाया गया। जबकि सदस्यों का कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका है।

…ज्ञापन भी किसे दें
अटकी भर्तियों को लेकर छात्रों की सुनवाई करने वाला बोर्ड में कोई नहीं है। स्थिति यह है कि छात्रों ने बोर्ड कार्यालय पर प्रदर्शन करना ही बंद कर दिया है। इसका कारण यह है कि वे वहां पर ज्ञापन भी किसे दें। अब छात्रों को बोर्ड भर्तियों के मामले में राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

इनका कहना हैः
राज्य सरकार को बोर्ड में जल्द से जल्द अध्यक्ष, सचिव और सदस्यों की नियुक्ति करनी चाहिए। ताकि भर्तियों की विज्ञप्ति जारी हो सके और जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सके।
उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ

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