नीली बत्‍ती गाड़ी में लगाई; खुद को पुलिस अफसर बताकर सिपाहियों ने कर ली उगाही- लेकिन कर दी यह गलती

ढाबा संचालक ने चारों को बैठा लिया। उनसे कहासुनी के बाद मारपीट होने लगी। शोर सुनकर पहुंचे गांव के लोगों ने भी सिपाहियों की पिटाई कर दी। इसी बीच वैभव श्रीवास्तव फरार हो गया जबकि अन्य तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस थाने ले आई। प्रभारी निरीक्षक सदानंद सिंह ने बताया कि चारों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों सिपाहियों समेत तीन को जेल भेज दिया गया है।

 

वाराणसी, प्रयागराज मार्ग पर छतमी स्थित वाजपेयी ढाबे पर शनिवार देर शाम वसूली करने आए प्रयागराज के हंडिया कोतवाली में तैनात सिपाही आलोक सिंह और रामप्रवेश यादव को पुलिस ने ढाबा संचालक की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया। आलोक वाराणसी के आशापुर का और रामप्रवेश बलिया के नगरा क्षेत्र का रहने वाला है। इन दोनों के साथ दो अन्य लोग भी वसूली करने पहुंचे थे। इनमें से देवरिया के जमनीया निवासी राहुल श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि प्रयागराज के अल्लापुर का रहने वाला वैभव श्रीवास्तव नीली-लाल बत्ती लगी जीप लेकर मौके से भाग निकला। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

ढाबा संचालक राकेश वाजपेयी का कहना है कि उनके यहां दो दिन पहले नीली-लाल बत्ती लगे वाहन से आए चार लोग आए। वे खुद को पुलिस अफसर बता रहे थे। अवैध रूप से ढाबा चलाने की धौंस जमाकर वे 10 हजार रुपये वसूल ले गए। फिर शनिवार को देर शाम आए और 50 हजार रुपये मांगने लगे।

ढाबा संचालक ने चारों को बैठा लिया। उनसे कहासुनी के बाद मारपीट होने लगी। शोर सुनकर पहुंचे गांव के लोगों ने भी सिपाहियों की पिटाई कर दी। इसी बीच वैभव श्रीवास्तव फरार हो गया, जबकि अन्य तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस थाने ले आई। प्रभारी निरीक्षक सदानंद सिंह ने बताया कि चारों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों सिपाहियों समेत तीन को जेल भेज दिया गया है।

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