पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस के साथ द्विपक्षीय भुगतान पर नहीं होगा असर

अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने से भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय भुगतान पर असर नहीं होगा। भारत और रूस के द्विपक्षीय भुगतान भारतीय रुपये में किए जाते हैं।

 

नई दिल्ली, यूक्रेन पर हमले को देखते हुए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा मास्को पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय भुगतान प्रभावित नहीं होगा। भारत और रूस के द्विपक्षीय भुगतान भारतीय रुपये में किए जाते हैं। आयात और निर्यात, दोनों के लिए द्विपक्षीय भुगतान भारतीय रुपये में किए जाते हैं। इसलिए, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को छोड़कर, पश्चिम द्वारा प्रतिबंधों का भुगतान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता है। रूस, भारत का एक प्रमुख रक्षा साझेदार है और रक्षा उत्पादों और उपकरणों के ज्यादातर अनुबंध सरकार से सरकार के बीच होते हैं।

भारत रूस के बीच ये होता है आयात-निर्यात

भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार इस वित्तीय वर्ष में अब तक 9.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है, जो 2020-21 में 8.1 अरब डॉलर था। रूस से भारत मुख्य तौर पर ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, विद्युत मशीनरी और उपकरण, उर्वरक का आयात करता है। भारत रूस को मुख्य रूप से दवाओं, बिजली मशीनरी, जैविक रसायन और वाहनों का निर्यात करता है। पहले भी जब फारस की खाड़ी राष्ट्र पर प्रतिबंध लगाए गए थे, तब भारत ने ईरान से आयात पर भुगतान करने के लिए एक तंत्र तैयार किया था।

भारतीय आयातकों ने कच्चे तेल सहित आयात के लिए भारतीय राज्य के स्वामित्व वाले बैंक, यूको बैंक के पास रखे ईरानी बैंकों के ‘वोस्त्रो’ खाते में रुपये में पेमेंट किया। भारत पहले भी इसके लिए मेकनिज्म शुरू कर चुका है। खाते का इस्तेमाल भारतीय निर्यातकों को ईरान में माल भेजने के लिए भुगतान करने के लिए भी किया जाता था और भुगतान दैनिक आधार पर तय किए जाते थे।

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