कोरोना काल मे भी अपने जीवन व परिवार से उपर तिमारदारों का दर्द बड़ा समझते है सुरेंद्र
जन्मदिन शादी सालगिरह पूण्य तिथि तिमारदारों के बीच मनाने की नसीहत,
गरीबी व परेशानी झेलने के बाद भी अपने दिनचर्या से सन्तुष्ट है, सुरेंद्र भाई
ऐसे जांबाज समाजसेवी को अनुदान तथा योगदान देने हेतु शासन व समाज अग्रणी भूमिका निभाये
अखबार की सूर्खियों मे रहने के बाद भी शासन से कोई मदद नहीं,
कुशीनगर : जिले के मंसाछापर बाजार खेसिया के रहने वाले सुरेंद्र भाई शर्मा दूसरे का दर्द देखा तो अपनी गरीबी भूल कर जनसेवा मे मशहूर हो गये बतातेचले कि अहमदाबाद के एक अस्पताल में मरीजों व तीमारदारों की सेवा देखी तो खुद भी सेवा करने का बीणा उठा लिया संयुक्त जिला अस्पताल पडरौना कुशीनगर में गरीब भर्ती मरीजों के तीमारदारों असहाय निराश्रित लोगों में अनवरत 200 से ढाई सौ पैकेट रोज शाम को निशुल्क भोजन वितरण जन सहयोग के माध्यम से कराते हैं यह सिलसिला कोविड19 काल में भी जारी है दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते है
बिशुनपुरा ब्लॉक के मन्शाछापर निवासी सुरेंद्र शर्मा नंदवंशी पाच साल पहले अहमदाबाद गुजरात में रहकर नौकरी करते थे वहां अपने किसी परिचित के साथ एक अस्पताल के कैंसर वार्ड में पहुंचे जहां सुरेंद्र ने देखा कि कुछ लोग एक संस्था के जरिए मरीज और उनके तीमारदारों को रात के वक्त भोजन कराते हैं इसके बाद साल 2017 में जब सुरेंद्र अहमदाबाद से कुशीनगर आए तो उनके किसी परिचित व्यक्ति की तबीयत बिगड़ गई जिसे जिला अस्पताल में उन्हें भर्ती कराने पहुंचे भर्ती कराने के बाद ओ विश्राम कक्ष में बैठ कर देखा कि सैकड़ों मरिजो के परिजन सोये है उनमें कई लोगों को जगा कर पुछा कि आप भोजन किए हैं तो पता चला कि की दूरदराज से आए मरीजों के तीमारदार लगभग 60% लोग बिना भोजन किए जिला अस्पताल पर सो जाते हैं उस वक्त अस्पताल के अगल-बगल कोई दुकान भी नहीं थी जिससे मरीजों के परिजन कोई खाने की वस्तु खरीद सके उसी दिन से सुरेंद्र भाई शर्मा नंदवंशी ने निजी व जन सहयोग के माध्यम से भोजन पैकेट वितरण कराने का दृढ़ संकल्प लिया शुरुआती दिनों में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन बाद में धीरे धीरे जन सहयोग करने वाले लोगों का साथ मिलता गया सुरेंद्र भाई शर्मा नंदवंशी प्रतिदिन समय शाम 7:30 संयुक्त संयुक्त जिला अस्पताल कुशीनगर मरीजों के तीमारदारों के लिए 2 से ढाई सौ पैकेट चावल दाल सब्जी पूरी और सब्जी पैक करा कर तीमारदारों असहाय निराश्रित लोगों में वितरण करवाते हैं
समाजसेवा हेतु लोगो को भी करते हैं प्रेरित,
सुरेंद्र भाई शर्मा नंदवंशी का कोई कोई आय का पुख्ता जरिया नहीं है मात्र 4 कट्ठा जमीन है और एक सैलून की दुकान से तीन भाइयों का परिवार चलता है उसमें तीनो भाई सुरेंद्र भाई को मदद करते हैं बाकी लोगों का सहयोग लेते हैं किसी का जन्मदिन शादीसालगिरह या पुण्यतिथि के मनाने वाले लोगों से संपर्क कर उनसे भी इस पावन पूनित कार्य में भोजन वितरण कराने का आग्रह करते हैं एवं सहयोग लेते हैं इस कार्य में जिले के उच्च अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी काफी सहयोग करते है
घर दूर होने के कारण किराए का कमरा लेकर तैयार कराते हैं भोजन
सुरेंद्र शर्मा कुछ दिनों तक विकास खंड विकास बिशनपुरा से भोजन तैयार करवाते थे और वहां से जिला मुख्यालय रविंद्र नगर धुस संयुक्त अस्पताल में लाकर वितरण करवाते थे जबकि जिला मुख्यालय और बिशनपुरा ब्लॉक की दूरी 12 किलोमीटर दूरी तय करना पड़ता था इस दिक्कत को देख जिला मुख्यालय पर एक किराए का एक कमरा ले लिया अब वहीं पर भोजन तैयार करवाते हैं, और अपने बाइक पर बांधकर अस्पताल पर वितरण करवाते हैं यह समाज के लिए नसीहत है पूजीपतियों अच्छी खासी नौकरी उद्योग धन्धे वालो को ऐसे जनहित कार्यों मे योगदान व सहयोग करने की जरूरत है
शासन व समाज से सहयोग व प्रशंसा की दरकार
समाजसेवी सुरेंद्र को सरकार के तरफ से अनुदान व जनप्रतिनिधियों के तरफ से योगदान करने की आवश्यकता है तथा ऐसे जाबांज को शासन व समाज से सम्मानित करनेव प्रशंसा पत्र देने हेतु समय की मांग है अखबार की सूर्खियों मे रहने के बाद भी शासन से मदद नहीं मिला है,