मट्टा के निवासी उमर अली ने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। अली ने कहा कि मट्टा क्षेत्र हर तरफ से कटा हुआ है। लोग पिछले पांच से छह दिनों से फंसे हुए हैं। उनके पास खाना नहीं है और सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है। बाढ़ के चलते पाकिस्तान में अब तक 1,186 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ प्रभावितों को उचित मदद न मिलने से लोगों में सरकार के खिलाफ खासा नाराजगी है। बाढ़ ने लोगों के जीवन को बाधित कर दिया है। सरकार के सामने अब खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो गया है।
बाढ़ प्रभावित लोगों ने इस्लामाबाद सरकार की ओर से सही मदद न मिल पाने के कारण जमकर आलोचना कर रहे हैं। अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ से पीड़ित लोग सड़क पर उतर आए हैं। सरकार की ओर से मदद की कमी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। बाढ़ में उनके घरों सहित सब कुछ नष्ट हो गया है।
पंजाब के फाजिलपुर से 60 वर्षीय रज्जाक शाहिद ने कहा, ‘मेरे अपने शहर में पांच दिनों से बिजली नहीं है। लोगों को शिविर, दवा, भोजन, मच्छरदानी, पानी साफ करने की मशीन और अन्य सामान की जरूरत है। इनमें से कोई भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं है।’
सरकार ने अब तक नहीं उठाए कोई कदम
इस बीच, स्वात घाटी के मट्टा के एक अन्य निवासी उमर अली ने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। अली ने कहा, ‘मट्टा क्षेत्र हर तरफ से कटा हुआ है। लोग पिछले पांच से छह दिनों से फंसे हुए हैं और बीमारियां फैल रही हैं। उनके पास खाना नहीं है और सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है।’
सिंध के एक किसान अल्ताफ हुसैन ने कहा, ‘वहां (गांव में) हमारे लिए कुछ नहीं बचा है। मेरा घर, कृषि भूमि, कपास की खड़ी फसल, सब कुछ चला गया है।’
बाढ़ ने 33 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। बाढ़ के चलते खेत, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और गांवों सब तबाह हो गए है।
अल अरबिया पोस्ट के अनुसार शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने मौजूदा स्थिति के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया और अंतरराष्ट्रीय सहायता मांगी है।
अमेरिका समेत कई देशों ने पाकिस्तान को मदद भेजना किया शुरूऐसे में पाकिस्तान की मदद के लिए कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां और देश की मदद के लिए आगे आई हैं। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और चीन जैसे देशों ने पाकिस्तान को मानवीय सहायता भेजना शुरू कर दिया है। इस बीच बाढ़ प्रभावित और फंसे लोगों ने कहा कि उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों से पर्याप्त सहायता नहीं मिल रही है।
वहीं, स्वात घाटी के एक स्कूल शिक्षक मिहराजुद्दीन खान ने कहा, ‘हमने सब कुछ खो दिया है। हम केवल अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। कोई हमारे पास नहीं आया। हमारे साथ अनाथ जानवरों की तरह व्यवहार किया जा रहा है।’
पाकिस्तान में खाने पीने की चीजें हुईं और महंगी
गौरतलब है कि पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और कमोडिटी बाजारों में बाढ़ की वजह से आई रुकावटों की वजह से महंगाई दर 44.58 फीसदी तक पहुंच गई है। प्याज, टमाटर और आलू जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों में क्रमशः 43.9 प्रतिशत, 41.13 प्रतिशत और 6.23 प्रतिशत की साप्ताहिक वृद्धि देखी गई है।