पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक संकट से घिरा हुआ है। यहांं महंगाई अपने चरम पर है। इसे देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चेतावनी दी है कि अगर स्थिति ऐसी ही रही तो पाकिस्तान में आने वाले दिनों में सामाजिक-राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान इस वक्त चरम आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। यहां महंगाई (Inflation) की दर पिछले 47 सालों के मुकाबले 27 फीसदी उपर पहुंच गई है और इसमें आगे भी बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इसके खिलाफ चेतावनी दी है।
आईएमएफ ने कहा है, ‘खाने-पीने के सामानों और ईंधन की कीमत बढ़ने से देश में सार्वजनिक तौर पर विरोध हो सकता है जिससे अस्थिरता पैदा होने की आशंका बनी रहती है। द न्यूज ने एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के तहत आईएमएफ की सातवीं और आठवीं समीक्षाओं के जारी कार्यकारी सारांश के हवाले से यह जानकारी दी है।’
द न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया, देश में इस वक्त जिस तरह का माहौल उसे देखते हुए किसी नई योजना को लागू करने का जोखिम अधिक है। इससे चीजें और बिगड़ सकती है।
इसमें कहा गया, ‘यूक्रेन मे जारी युद्ध के कारण खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतें बढ़ी हैं और इस वक्त वैश्विक वित्तीय परिस्थितियां जैसी हैं उसका दबाव भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है जिससे विनिमय दर और अन्य देशों के साथ वित्तीय संबंध स्थिर बनाए रखने में भी परेशानी आएगी।’
आईएमएफ ने कहा, ‘विरोध के जोखिमों के अलावा सामाजिक-राजनीतिक दबाव के बढ़ने की भी उम्मीद है जिससे नीति और सुधार व्यवस्थाओं के कार्यान्वयन पर असर पड़ सकता है। खासकर यहां के कमजोर राजनीतिक गठबंधन और संसद में उनके कम बहुमत को देखते हुए इसकी संभावनाएं अधिक दिखाई देती हैं।’
आईएमएफ के मुताबिक, इन सबके परिणामस्वरुप नीतिगत निर्णय प्रभावित हो सकते हैं, अर्थव्यवस्था से संबंधित रणनीतियों के निर्माण में मुश्किलें आ सकती हैं, ऋण अस्थिरता के बढ़ने की भी संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।
मालूम हो कि पाकिस्तान इस वक्त बाढ़ के कहर का सामना कर रहा है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम के पुनरुद्धार को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत देश को 1.17 बिलियन अमरीकी डालर (9300 करोड़ से अधिक) की 7वीं और 8वीं किश्त जारी हो जाएगी। यह इस वक्त पाकिस्तान के लिए किसी राहत से कम नहीं है।